पहाड़ के किसान की कहानी देखेगी पूरी दुनिया, ऑस्कर में धूम मचाने को तैयार ‘मोतीबाग’
पौड़ी के 83 साल के किसान पर तैयार डॉक्यूमेंट्री ‘मोतीबाग’ ऑस्कर में धूम मचाने को तैयार है...
Oct 8 2019 5:23PM, Writer:कोमल नेगी
पहाड़ के एक किसान के बगीचे मोतीबाग पर बनी डॉक्यूमेंट्री ऑस्कर में धूम मचाने के लिए तैयार है। देवभूमि के इस किसान का नाम है विद्यादत्त शर्मा, जिनकी कोशिशों की बदौलत आज पौड़ी का सांगुड़ा गांव अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचाना जाने लगा है। सांगुड़ा गांव पौड़ी जिले के कल्जीखाल ब्लॉक में स्थित है। यहां हर तरफ फैली हरियाली आंखों को सुकून देती है। गांव में स्थित मोतीबाग में सेब, नारंगी और खुमानी के पेड़ हैं, जिन्हें 83 साल के किसान विद्यादत्त शर्मा ने उगाया है। मोतीबाग पर बनी डॉक्यूमेंट्री ऑस्कर के लिए नॉमिनेट हुई है। खेती के लिए समर्पित विद्यादत्त शर्मा की कहानी वाकई प्रेरणा देने वाली है। वो सरकारी नौकरी करते थे, पर गांव-खेती की दुर्दशा देख साल 1964 में नौकरी छोड़ दी। गांव लौट आए और बिखरे खेतों को ग्रामीणों से बदल कर करीब ढाई एकड़ का चक बनाया। जब वो पथरीली जमीन को उर्वर बनाने के लिए कोशिश करने लगे तो लोग उन्हें सनकी कहते थे। पानी की समस्या भी थी, इसे हल करने के लिए उन्होंने बारिश का पानी जमा किया। टैंक में बारिश का पानी इकट्ठा किया। जो पानी जमा होता उसे नालियों के जरिए खेतों तक पहुंचाया जाता। विद्यादत्त शर्मा की मेहनत रंग लाई और आज उनका मोतीबाग ऑस्कर तक का सफर तय कर चुका है। मोतीबाग पर जिन्होंने डॉक्यूमेंट्री बनाई है, उनका नाम हे निर्मल चंद्र डंडरियाल, जो कि मूलरूप से पौड़ी के दूणी गांव के रहने वाले हैं। वो अब तक 10 डॉक्यूमेंट्री बना चुके हैं। विद्यादत्त शर्मा की कर्मठता ने उन्हें प्रेरित किया और मौका मिलने पर उन्होंने विद्यादत्त शर्मा पर डॉक्यूमेंट्री बनाई। डॉक्यूमेंट्री मोतीबाग केरल में हुए नेशनल शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल में भी पुरस्कृत हो चुकी है।