उत्तराखंड में बंद होंगे 10 साल पुराने कमर्शियल वाहन, 4 नवंबर को हो सकता है फैसला
NGT के प्रस्ताव पर अमल होने के बाद उत्तराखंड में 10 साल पुराने कमर्शियल वाहन बंद हो जाएंगे। जानिए इसके साइड इफेक्ट
Oct 31 2019 5:34PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड में 10 साल से पुराने कमर्शियल वाहनों को बंद करने की तैयारी चल रही है। एनजीटी के प्रस्ताव पर अमल करते हुए अगर पुराने कमर्शियल व्हीकल बंद कर दिए गए, तो प्रदेश के कई लोगों पर बेरोजगारी का संकट भी मंडरा सकता है। उत्तराखंड पहले से ही बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहा है। उस पर एनजीटी के प्रस्ताव ने प्रदेश के लाखों लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा कर दिया है। एनजीटी के प्रस्ताव पर अमल करते हुए दस साल पुराने कमर्शियल वाहन बंद किए जाएंगे। इन कमर्शियल वाहनों में बस, टैक्सी, ऑटो और विक्रम जैसे वाहन शामिल हैं। कमर्शियल व्हीकल बंद कर दिए गए तो लाखों लोग सड़क पर आ जाएंगे। कई परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो जाएगा। यहां आपको पूरा मामला भी जानना चाहिए। प्रदूषण का हाल क्या है ये तो आपको पता ही है।
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बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए एनजीटी ने परिवहन विभाग से कहा है कि वो दस साल पुराने कमर्शियल वाहन जैसे बस, टैक्सी, ऑटो और विक्रम को बंद करने पर विचार करे। इस संबंध में 4 नवंबर को देहरादून में रोड ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की बैठक होगी है। माना जा रहा है कि इस बैठक में कमर्शियल वाहनों को बंद करने का फैसला लिया जाएगा। पुराने कमर्शियल वाहनों का बंद होना तय है। फैसला आने से पहले ही टैक्सी और बस संचालकों की धड़कनें बढ़ गई हैं। उन्हें बेरोजगारी का डर सताने लगा है। 10 साल पुराने कमर्शियल वाहनों को बैन करने का फैसला सरकार की मुश्किलें भी बढ़ा सकता है, हालांकि आरटीओ अधिकारी का कहना है कि लोगों के हितों की अनदेखी नहीं की जाएगी। आखिरी फैसला दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद ही लिया जाएगा। गढ़वाल कमिश्नर और सचिव से भी इस मुद्दे पर बातचीत हो रही है।