उत्तराखंड में 4.5 रिक्टर का भूकंप, क्या सच साबित होगी वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी?
सुबह साढ़े सात बजे पिथौरागढ़ की धरती एक बार फिर डोल गई, डरे हुए लोग घरों से बाहर निकल आए, भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.5 मैग्नीट्यूड मापी गई।
Nov 12 2019 4:38PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड की धरती का बार-बार डोलना अच्छा संकेत नहीं है। 1 अक्टूबर को चमोली में भूकंप के झटके महसूस हुए और आज तड़के पिथौरागढ़ जिले की धरती कांप गई। पिथौरागढ़ के कुछ इलाकों में आज भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। सुबह साढ़े सात बजे पिथौरागढ़ के डीडीहाट, मुनस्यारी और दूसरे इलाकों में भूकंप के झटका महसूस किया गया। डरे हुए लोग तुरंत घरों से बाहर निकल आए। भूकंप का केंद्र पिथौरागढ़ था। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.5 मैग्नीट्यूड मापी गई। भूकंप के झटके महसूस होते लोग घरों से बाहर निकल आए, लोगों का कहना है भूकंप का झटका बहुत तेज था, हालांकि इसमें जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। पिथौरागढ़ के अलग-अलग क्षेत्रों में भूकंप का झटका महसूस किया गया। आपको बता दें कि बीते 1 अक्टूबर को चमोली जिले में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
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एक अक्टूबर को शाम करीब 6 बजकर 57 मिनट पर चमोली में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.3 मापी गई। भूकंप का केंद्र भी चमोली था। भूकंप की गहराई जमीन से दस किलोमीटर अंदर थी। भूकंप की तीव्रता कम थी, इसीलिए क्षेत्र में किसी तरह का नुकसान हीं हुआ। आपको बता दें की भूकंप की दृष्टि से चमोली जिला सबसे ज्यादा संवेदनशील क्षेत्र है, ये जोन पांच में आता है। वैज्ञानिक भी अपनी रिपोर्ट्स में कह चुके हैं कि उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्र में बड़ा भूकंप आ सकता है। पिछले चार साल मं भूकंप के जो झटके महसूस किए गए हैं, वो सिर्फ चार जिलों तक ही सीमित रहे। इन जिलों में उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, चमोली और रुद्रप्रयाग शामिल हैं। इन चार जिलों में आने वाले भूकंप एक ही फॉल्ट लाइन में पड़ते हैं। लंबे वक्त से भूगर्भ में इकट्ठा हो रही ऊर्जा कभी भी महाभूकंप का सबब बन सकती है।