उत्तराखंड में ऐसे जिलाधिकारी भी हैं, मेधावी बेटियों के लिए DM की यादगार पहल
भीमताल में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत हुआ कार्यक्रम कई मायनों में बेहद खास रहा, कार्यक्रम में दूरदराज के गांवों से आई बेटियों ने हिस्सा लिया...
Nov 13 2019 1:53PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड के काबिल युवा अफसर जनता से सीधा संवाद करने के साथ ही उनकी समस्याएं दूर करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। इन्हीं अफसरों में से एक हैं नैनीताल के डीएम सविन बंसल। बात चाहे भ्रष्टाचारियों को सबक सिखाने की हो, या फिर ग्रामीणों का दुख-दर्द बांटने की। डीएम सविन बंसल हर चुनौती पर खरे उतरे हैं। हाल ही में डीएम की पहल पर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। भीमताल के एक कैफे में हुए कार्यक्रम में दूर-दराज के इलाकों से पहुंची मेधावी छात्राओं ने डीएम और दूसरे अधिकारियों से सीधा संवाद किया। डीएम ने छात्राओं को लक्ष्य को हासिल करने और सफलता के लिए जरूरी टिप्स दिए। अपने अनुभव उनके साथ बांटे। ग्रामीण क्षेत्रों से आई छात्राओं के लिए ये मौका बेहद खास था। महिला एवं बाल विकास विभाग की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में डीएम सविन बंसल ने कहा कि बेटियां कुदरत का नायाब तोहफा हैं। उन्होंने बेटा-बेटी का भेदभाव छोड़ कर बेटियों को शिक्षित बनाने का संदेश दिया।
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कार्यक्रम में डीएम ने छात्राओं को अलग-अलग तरह की भारतीय प्रशासनिक सेवाओं के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही छात्राओं से कहा कि पहले वो अपना लक्ष्य तय करें, फिर इसे हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करें। कार्यक्रम में जिलाधिकारी की धर्मपत्नी सुरभि और मुख्य विकास अधिकारी विनीत कुमार ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि हमें बड़े सपने देखने चाहिए और उन्हें साकार करने के लिए खूब मेहनत भी करनी चाहिए। कार्यक्रम में आई छात्राओं को ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन पर लिखी किताबें और बेशकीमती घड़ी भेंट की गईं। कार्यक्रम में जिला विकास अधिकारी रमा गोस्वामी, पुलिस उपाधीक्षक अनुशा बडोला, जिला प्रोबेशन अधिकारी व्योमा जैन, एपीडी संगीता आर्य, जिला कार्यक्रम अधिकारी अनुलेखा बिष्ट भी मौजूद थीं। महिला अधिकारियों ने भी छात्राओं को जीवन में सफल होने के मूलमंत्र बताए।