पंतनगर यूनिवर्सिटी में छात्रों की रैगिंग, जूनियर छात्रों के कपड़े उतवाकर परेड कराई, दो वार्डन निलंबित
पंतनगर यूनिवर्सिटी में रैगिंग का मामला सामने आने के बाद दो वार्डनों को निलंबित कर दिया गया, पर दोषी छात्रो के खिलाफ अब तक कार्रवाई नहीं हुई...
Nov 14 2019 11:30AM, Writer:कोमल नेगी
कॉलेजों में रैगिंग रोकने के लिए कड़े कानून बनाए गए हैं, लेकिन सच क्या है ये हम सभी जानते हैं। आज भी कॉलेजों में रैगिंग के नाम पर जूनियर छात्रों को तंग किया जाता है। कई बार तो डरे हुए छात्र कॉलेज ही छोड़ देते हैं। उत्तराखंड के कॉलेज भी इससे अछूते नहीं हैं। ताजा मामला पंतनगर के जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का है, जहां सीनियर छात्रों पर जूनियर छात्रों के साथ रैगिंग करने का आरोप लगा है। मामला एक महीना पुराना बताया जा रहा है, लेकिन तब इसे दबा दिया गया था। पीड़ित छात्रों ने अधिष्ठाता छात्र कल्याण और कुलपति से इस बारे में शिकायत की थी। जिसके बाद दो वार्डनों को उनके पद से हटा दिया गया, लेकिन दोषी छात्रों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई ना होने से छात्र नाराज हैं।
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घटना 12 अक्टूबर की बताई जा रही है। चितरंजन भवन-1 हॉस्टल में एनएसएस कैंप लगा था। पीड़ित छात्रों का आरोप है कि कैंप के दौरान सीनियर छात्रों ने नेहरू भवन के अंतवासी कृषि स्नातक में फर्स्ट इयर के 8-10 छात्रों को रोक लिया और उन्हें परेशान करने लगे। पीड़ितों की पैंट उतरवाई गई। उन्हें बिना पैंट के परेड करने को मजबूर किया गया। पीड़ित छात्र सदमे में थे, पर बदसलूकी का ये सिलसिला यहीं नहीं थमा। बाद में सीनियर्स ने सभी छात्रों को नेहरू भवन के वाईएलएन-1 कक्ष में बुलाकर कमरा अंदर से बंद कर लिया। इसके बाद सभी के कपड़े उतरवाकर उनके साथ 1 घंटे तक बदसलूकी की गई। आरोपियों ने ये भी कहा कि अगर उनसे नजरें झुकाकर बात नहीं की तो वो सबको परिसर में नंगा घुमाएंगे। 21 अक्टूबर को विश्वविद्यालय अनुशासन समिति (यूडीसी) की बैठक में छात्रों ने अधिकारियों के सामने आपबीती सुनाई। मामला उछला तो यूनिवर्सिटी प्रशासन ने नेहरू और चितरंजन भवन-1 के वार्डनों को हटा दिया। पर आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। पीड़ित छात्र दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं तो वहीं यूनिवर्सिटी प्रबंधन इसे अब भी रैगिंग नहीं, बल्कि जूनियर-सीनियर छात्रों के बीच हुए परिचय का मामला कह रहा है।