image: Son left sick mother alone in doon hospital, doctors saved the life

देहरादून: अस्पताल के सामने मीना को छोड़कर भागे घर वाले, डॉक्टरों ने दिखाया बड़ा दिल

बेटे और परिजनों ने भी मीना का साथ छोड़ दिया था, मीना का ऑपरेशन नहीं होता तो वो बच नहीं पाती...
Nov 15 2019 12:27PM, Writer:कोमल नेगी

जिंदगी और मौत के बीच झूल रही 45 साल की मीना देवी के लिए दून हॉस्पिटल के डॉक्टर भगवान साबित हुए। डॉक्टरों ने कागजी कार्रवाई की परवाह ना करते हुए सबसे पहले इंसानियत का फर्ज निभाया और ऑपरेशन कर मीना देवी को नई जिंदगी दी। ये सब ऐसे वक्त में हुआ जब मीना के अपने परिजन ही उससे मुंह मोड़ चुके थे। मीना जिंदा रहे या ना रहे, इसकी किसी को फिक्र नहीं थी। मीना के दिमाग में खून का थक्का जम गया था। वो दिल की मरीज भी थी। तुरंत ऑपरेशन ना किया जाता तो मीना बच नहीं पाती। ऑपरेशन करने में बहुत रिस्क था इसीलिए अस्पताल वाले उसके परिजनों और बेटे को बार-बार फोन करते रहे, ताकि उन्हें ऑपरेशन की स्वीकृति मिल सके, पर उन लोगों ने आने से इनकार कर दिया। कोई उपाय ना रहा तो अस्पताल के डॉक्टरों ने अपने रिस्क पर मीना का ऑपरेशन कर उसकी जान बचाई। ऑपरेशन पूरा होने पर चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर के के टम्टा ने ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर डीपी तिवारी, डॉक्टर विजय भंडारी और डॉक्टर अतुल का आभार व्यक्त किया। चलिए अब आपको पूरा मामला भी बताते हैं।

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड में राज बब्बर ने जिस गांव को गोद लिया था, आज उस गांव का हाल देख लीजिए
बीते तीन नवंबर को एक युवक महिला को बेहोशी की हालत में दून अस्पताल लाया था। महिला को एडमिट कराने के बाद युवक लापता हो गया। जो युवक महिला को अस्पताल लाया था, वो मकान मालिक बताया जा रहा है। डॉक्टरों ने जांच की तो पता चला कि महिला के दिमाग में खून का थक्का जमा है, वो हार्ट पेशेंट भी है। महिला का तुरंत ऑपरेशन होना था, पर महिला के परिजनों का कुछ अता-पता नहीं था, जिस वजह से ऑपरेशन नहीं हो पा रहा था। महिला मसूरी की रहने वाली बताई जा रही है। अस्पताल स्टाफ ने शहर कोतवाली और मसूरी पुलिस को भी मामले की सूचना दी। जांच में पता चला कि महिला का एक बेटा भी है, जिसका नाम अज्जू है। अस्पताल प्रशासन ने उसके बेटे और महिला को अस्पताल लाने वाले युवक को कई बार फोन किया। पर दोनों ने आने से साफ इनकार कर दिया। मुश्किल की घड़ी में मीना के बेटे ने भी साथ छोड़ दिया। बाद में डॉक्टर्स ने अपने रिस्क पर महिला का ऑपरेशन किया। दून अस्पताल के डॉक्टर्स की नेकदिली के चलते मीना की जान बच गई।


View More Latest Uttarakhand News
View More Trending News
  • More News...

News Home