उत्तराखंड: 10 हज़ार रुपये में बिका परिवहन विभाग के अफ़सर का ईमान, रिश्वत लेते गिरफ्तार
जूनियर क्लर्क प्रदूषण जांच केंद्र का प्रमाण पत्र जारी करने के एवज में 10 हजार की घूस मांग रहा था, पढ़ें पूरी खबर
Nov 17 2019 11:38AM, Writer:komal
कहते हैं लालच बुरी 'बला' है। लालच के चक्कर में लोग अपनी सालों की कमाई इज्जत पलभर में गंवा देते हैं, करियर का सत्यानाश कर लेते हैं। देहरादून में भी ऐसा ही हुआ, जहां दस हजार के लिए अपर परिवहन आयुक्त के कनिष्ठ लिपिक ने अपना ईमान बेच दिया। विजिलेंस ने कनिष्ठ लिपिक विपिन कुमार को दस हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा। आरोपी प्रदूषण जांच केंद्र का प्रमाण पत्र जारी करने के नाम पर 10 हजार की घूस ले रहा था, पर धर लिया गया। विजिलेंस ने आरोपी लिपिक के एकता विहार स्थित घर की भी तलाशी ली। आज आरोपी को विजिलेंस कोर्ट में पेश किया जाएगा। चलिए अब पूरा मामला बताते हैं। काशीपुर के रहने वाले एक शख्स ने एसपी सतर्कता को एक शिकायती पत्र भेजा था। जिसमें शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने 30 सितंबर को पेट्रोल और डीजल वाहनों के प्रदूषण जांच केंद्र के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था।
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संभागीय परिवहन अधिकारी हल्द्वानी ने प्रदूषण केन्द्र का भौतिक सत्यापन करने के बाद रिपोर्ट अपर परिवहन आयुक्त देहरादून को भेज दी थी, ताकि कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा सके। 15 नवंबर को शिकायतकर्ता अपर परिवहन आयुक्त कार्यालय देहरादून पहुंचा और कनिष्ठ सहायक विपिन कुमार से संपर्क किया। तब विपिन कुमार ने प्रमाण पत्र शुल्क के अलावा 15000 रुपये की रिश्वत मांगी। शिकायतकर्ता ने कहा कि उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, तब आरोपी ने कहा कि 10 हजार रुपये से कम में काम नहीं करेगा। विजिलेंस ने जांच की तो शिकायत सही मिली। जिसके बाद ट्रैप टीम बनाई गई। इस टीम ने आरोपी क्लर्क शनिवार दोपहर दस हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। डीआईजी ने रिश्वतखोर क्लर्क को पकड़ने वाली टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है। विजिलेंस ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है।