image: Success story of ips nurul hasaan

बेटे की पढ़ाई के लिए पिता ने बेच दी जमीन, बेटे ने आईपीएस अफसर बन बढ़ाया मान

आईपीएस नूरूल हसन ने बिना कोचिंग के सिविल सेवा की परीक्षा पास की है, जानिए उनके संघर्ष की कहानी...
Nov 19 2019 11:17AM, Writer:कोमल नेगी

संघर्ष से हासिल हुई सफलता की कहानियां हमें जीवन में कुछ बेहतर करने के लिए प्रेरित करती हैं। राज्य समीक्षा ऐसी कहानियों को मंच देने का प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में हम आईपीएस नूरूल हसन की कहानी पेश कर रहे हैं, जिन्होंने जीवन में गरीबी देखी, परेशानियां झेलीं, पर अपने सपने को टूटने नहीं दिया। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में एक छोटा सा गांव है हररायपुर, नूरूल हसन इसी गांव में पैदा हुए। छोटे से गांव के गरीब परिवार के बेटे के लिए सिविल सेवा परीक्षा तो दूर मामूली शिक्षा हासिल कर पाना तक मुश्किल था। आर्थिक हालात भी साथ नहीं दे रहे थे, पर नूरूल ने हार मानने से साफ इनकार कर दिया। पिता चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे, गांव में खेती करते थे। जिस स्कूल में नूरूल पढ़ते थे उसकी छत टपकती थी, इसीलिए बैठने के लिए घर से कपड़ा लेकर जाना पड़ता था। उन्होंने गुरुनानक हायर सेकेंडरी स्कूल अमरिया से हाईस्कूल किया। हाईस्कूल में 67 परसेंट नंबर हासिल कर टॉपर बन गए।

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बाद में पिता की चतुर्थ श्रेणी में नियुक्ति हो गई तो बरेली आ गए। यहां मनोहरलाल भूषण कॉलेज से 75 फीसदी अंक हासिल कर 12वीं की। होनहार थे इसीलिए एएमयू अलीगढ़ में बीटेक में एडमिशन पा गए, पर फीस भरने के लिए पैसे नहीं थे। बेटे की पढ़ाई के लिए पिता ने गांव की जमीन बेच दी। बेटे ने भी उन्हें निराश नहीं किया खूब पढ़ाई की। इस दौरान उन्होंने गुरुग्राम की एक कंपनी में जॉब भी की। बाद में उनका चयन भाभा एटोमिक रिसर्च इंस्टीट्यूट में हो गया। वो तारापुर मुंबई में वैज्ञानिक के तौर पर काम करने लगे। साल 2015 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास की और भारतीय पुलिस सेवा में चुन लिए गए। नूरूल की सफलता इसलिए खास है क्योंकि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा के लिए कोचिंग नहीं ली थी। नूरूल ने इंटरव्यू के अनुभव भी साझा किए। उन्होंने कहा कि इंटरव्यू के दौरान मुझसे मेरे विषय से हटकर प्रश्न पूछे गए। सिविल सेवा की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए भी उन्होंने एक खास संदेश दिया है। वो कहते हैं कि गरीबी को ना कोसें, जो भी संसाधन हैं उन्हीं का इस्तेमाल कर तैयारी करें। हमारा देश बहुत प्यारा है, इसकी प्रगति के लिए शिक्षित बनें। आईपीएस नूरूल हसन इस वक्त महाराष्ट्र में सेवाएं दे रहे हैं।


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