उत्तराखंड: बेरहम बेटे ने बुजुर्ग मां को घर से निकाला, वो सर्द रात में सड़कों पर भटकती रही
घर से निकाली गई बेसहारा मां यहां-वहां भटकती रही, पर किसी से बेटे के शिकायत नहीं की...
Nov 25 2019 11:08AM, Writer:कोमल नेगी
मां तब भी रोती थी जब बेटा खाना नहीं खाता था और मां अब भी रोती है जब बेटा खाना नहीं देता है...क्या जमाना आ गया है। माता-पिता अपनी इच्छाएं-सपने मारकर बच्चों के सपने पूरे करते हैं, पर जब ये माता-पिता बुजुर्ग हो जाते हैं, तब अपनी ही संतानों को खटकने लगते हैं। वो इन्हें बोझ समझने लगते हैं। रामनगर में रहने वाली एक 85 साल की बुजुर्ग मां के साथ भी ऐसा ही हुआ। कलयुगी बेटे ने मां को सर्द रात में सड़क पर छोड़ दिया। घर से निकाली गई बेसहारा मां यहां-वहां भटकती रही, पर किसी से बेटे के शिकायत नहीं की। कहीं आसारा ना मिलने पर उसने राज्य महिला आयोग की पूर्व उपाध्यक्ष अमिता लोहनी को आपबीती सुनाई। जिसके बाद अमिता ने बुजुर्ग महिला को हल्द्वानी के वृद्धाश्रम पहुंचाया। बुजुर्ग महिला का नाम बसंती देवी है। 85 साल की बसंती देवी का परिवार इंद्रा कॉलोनी में रहता है।
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बसंती ने बताया कि जब से बेटे की शादी हुई, तब से वो बेटे-बहू की आंखों में खटकने लगी। बेटा भी बहू की हां में हां मिलाता था। बहू खाने में कच्ची रोटी देती थी। जब बेटा ऑफिस चला जाता था तो पूरे दिनभर खाना नहीं मिलता था। बेटे के दफ्तर से लौटने के बाद कहीं जाकर खाना नसीब होता था। आस-पड़ोस के लोग भी जानते थे कि बेटा-बहू बुजुर्ग के साथ दुर्व्यवहार करते हैं, उन्होंने कहा भी कि बेटे के खिलाफ पुलिस में शिकायत कर दो, उसकी अक्ल ठिकाने आ जाएगी, पर मां का मन ठहरा, पुलिस से बेटे की शिकायत नहीं की। बहू के अत्याचार बढ़ने लगे और एक दिन बेटे ने भी उससे किनारा कर लिया। जिस मां ने 9 महीने गर्भ में रखकर पाला, पूरी जिंदगी बेटे पर न्योछावर कर दी, उसी बेटे ने मां को दुत्कार कर सड़क पर छोड़ दिया। किसी तरह बुजुर्ग महिला समाजसेवी अमिता लोहनी तक पहुंची और उनसे मदद मांगी। बुजुर्ग महिला को राज्य महिला आयोग की पूर्व उपाध्यक्ष अमिता लोहनी ने वृद्धाश्रम पहुंचा दिया है।