ऋषिकेश: भव्य रूप में दिखेगा लक्ष्मण झूला..कांच के फुटपाथ से होंगे गंगा और केदारनाथ दर्शन
ऋषिकेश में बन रहे नए लक्ष्मण झूला पुल को लेकर कुछ बड़ी बातें सामने आई हैं। आप भी जानिए
Nov 26 2019 12:53PM, Writer:कोमल नेगी
तीर्थनगरी ऋषिकेश में झूला पुल बनाने की कवायद तेज हो गई है। यहां बन रहे नए झूला पुल को अब पैदल पुल बनाने के साथ-साथ इसे हल्के वाहनों की भार क्षमता सहने लायक भी बनाया जाएगा। यानि लक्ष्मण झूला पुल से अब हल्के वाहन भी गुजर सकेंगे। पुल के किनारे कांच के होंगे, जो कि फुटपाथ का काम करेंगे। नए झूला पुल से ऋषिकेश का सौंदर्य तो बढ़ेगा ही साथ ही इससे स्वास्थ्य सेवाओं को भी मजबूती मिलेगी। अब तक गरुण चट्टी से लेकर बैराज पुल के बीच कोई हल्का वाहन पुल नहीं है। गंगा पार यमकेश्वर में रहने वाले लोग भी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए पूरी तरह ऋषिकेश पर निर्भर हैं। सफर लंबा होने की वजह से लोगों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता, पर नया पुल बनने से ये समस्या दूर हो जाएगी। लक्ष्मण झूला के हल्का वाहन पुल बन जाने से ऋषिकेश तक की दूरी कम हो जाएगी। लोग हल्के वाहन के जरिए पुल पार कर ऋषिकेश आ जा सकेंगे। इस पुल की सबसे खास बात होगी इसका कांच का फुटपाथ, जहां से आप गंगा दर्शन कर सकेंगे। साथ ही पुल के दोनों द्वारों पर केदारनाथ मंदिर का मॉडल तैयार होगा। यूं समझ लीजिए कि आप कांच के फुटपाथ से मां गंगा और भगवान केदारनाथ के दर्शन कर सकेंगे। आगे जानिए इसकी बेमिसाल खूबियां
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आपको बता दें कि पुराने लक्ष्मण झूला पुल की मियाद खत्म हो गई थी, जिसे इस साल 12 जुलाई को बंद कर दिया गया। यहां पर नया पैदल पुल बनाया जाना था, पर अब इसे हल्का वाहन मोटर पुल बनाने की मंजूरी मिल गई है। पुल निर्माण के डिजाइन के लिए 18 नवंबर को अनुबंध हो चुका है। पुल का डिजाइन तैयार करने की जिम्मेदारी लोनिवि के कंसलटेंट पीके चमोली को दी गई है। पुल निर्माण में क्या-क्या बदलाव कि गए हैं, ये भी बताते हैं। पुल की चौड़ाई पहले साढ़े पांच मीटर प्रस्तावित थी, जिसे हल्का वाहन के लिए 8 मीटर कर दिया गया है। लंबाई को 130 मीटर से बढ़ाकर 135 मीटर किया जा रहा है। पुल बनाने में अनुमानित लागत 30 करोड़ आएगी। पुल के बीच में चौपहिया, दुपहिया और ठेली के चलने की सुविधा होगी, जबकि दोनों किनारों पर पैदल यात्रा के लिए फुटपाथ बनेंगे। पुल के दोनों द्वार पर आरसीसी के टावर के ऊपर केदारनाथ मंदिर का मॉडल बनाया जाएगा। पुल के दोनों किनारे ढाई-ढाई मीटर के होंगे, बीच का हिस्सा तीन मीटर का होगा। ढाई मीटर के हिस्से 52 एमएम मोटे कांच के होंगे, जिससे लोग गंगा दर्शन भी कर पाएंगे। पुल निर्माण के लिए गुजरात के जामनगर से कांच मंगवाया जाएगा।