देहरादून में कितने ‘वाला’? हर ‘वाला’ के पीछे है एक दिलचस्प कहानी...आप भी जानिए
देहरादून में ऐसे 150 गांव-पुरानी कॉलोनियां हैं जिनके नाम के आखिर में 'वाला' शब्द जुड़ा है, हर कॉलोनी-गांव के नाम के पीछे अलग कहानी है....
Dec 10 2019 10:31AM, Writer:कोमल
उत्तराखंड की खूबसूरत राजधानी देहरादून...हरियाली और मनोहर प्राकृतिक छटा के लिए मशहूर ये शहर खुद में समृद्ध इतिहास की कई कहानियां समेटे हुए है। ये कहानियां ही देहरादून को खास बनाती हैं। यहां आने वाले लोगों को जो एक बात सबसे ज्यादा हैरान करती है वो है यहां के गांव और पुरानी कॉलोनियों के नाम। जिनके आखिर में 'वाला' शब्द जुड़ा है। यहां ऐसे लगभग डेढ़ सौ गांव और कॉलोनियां हैं जिनके नाम के आखिर में 'वाला' जुड़ा है। ऐसा क्यों है ये सवाल आपके जहन में भी जरूर होगा। चलिए इस सवाल का जवाब ढूंढते हैं। दरअसल ये शब्द देहरादून की कॉलोनियों और पुराने गांवों की पहचान है, इसका चलन कैसे शुरू हुआ इस बारे में कोई प्रमाणिक जानकारी नहीं है, लेकिन माना जाता है कि संबंधित जगह की स्थानीय संस्कृति, खासियत और परंपरा के चलते ही इलाके के नाम के साथ वाला शब्द जुड़ा होगा। पुराने समय में शायद इन गांवों-कस्बों की पहचान पहले शब्द से होती रही होगी। ये चलन आगे बढ़ता रहा और आज दून जिले के 150 गांवों और कॉलोनियों के साथ वाला शब्द जुड़ गया है। गांव के नाम के पीछे 'वाला' शब्द जुड़ने की कई वजहें दी जाती हैं।
जैसे कहते हैं कि डोइवाला एक जमाने में डोइयों या लकड़ी से बनी करछुल के लिए मशहूर था, इसीलिए इसे डोइवाला कहा जाने लगा।
चक तुनवाला में तुन के पेड़ बहुत थे, इसीलिए इसे तुनवाला कहा जाने लगा।
जहां ब्राह्मण-पुरोहितों के परिवार रहते थे, वो जगह ब्राह्मणवाला बन गई।
जहां रांगड़ नाम का चावल उगता था वो जगह रांगड़वाला के नाम से मशहूर हुई।
इसी तरह बड़ के वृक्ष मिलने की वजह से बड़ोवाला जगह का नाम पड़ा।
आम के बगीचों की वजह से आमवाला जगह का नाम पड़ा।
अनार के बगीचे वाली जगह अनारवाला कहलाई।
जामुन के लिए मशहूर जगह जामुनवाला कहलाई।
जहां डोभाल जाति के परिवार रहते हैं वो जगह बन गई डोभालवाला
जहां मियां जाति के लोग रहते हैं वो बनी मियांवाला।
जहां कुएं बहुत होते थे वो जगह कुआंवाला कहलाने लगी।
नींबू के बगीचों वाली जगह नींबूवाला कहलाई।
अदरक की खेती के लिए मशहूर जगह आदूवाला कहलाई।
मक्के की खेती वाली जगह मक्कावाला बन गई।
पर देहरादून में सिर्फ इतने वाला नहीं हैं। यहां रायवाला, बल्लीवाला, नथुआवाला, बंजारावाला, पित्थुवाला, लच्छीवाला, भानियावाला, मातावाला, मोहब्बेवाला, चुक्खुवाला, बकरालवाला, धामावाला जैसे करीब 150 'वाला' हैं। इनके नाम के पीछे भी कोई ना कोई कहानी जरूर होगी। अगर आपके पास इन गांवों-कॉलोनियों से जुड़ी कोई कहानी हो तो हमसे शेयर जरूर करें। राज्य समीक्षा के जरिए हम इन गांवों के इतिहास से जुड़ी कहानियों को मंच देने का प्रयास करेंगे।
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