उत्तराखंड के अर्जुन को बधाई, अपने गांव का पहला लेफ्टिनेंट बना..बंटी मिठाईयां
आरे-द्वारसों गांव के 70 परिवार सेना से जुड़े हुए हैं, पर अर्जुन सिंह इस गांव के पहले ऐसे युवा हैं, जिन्होंने सेना में अफसर बन गांव का नाम रौशन कर दिया...
Dec 10 2019 1:31PM, Writer:कोमल
बागेश्वर का आरे-द्वारसों गांव...शनिवार का दिन इस गांव के लिए बेहद खास रहा। इसी दिन गांव के बेटे ने सेना में लेफ्टिनेंट बन देश सेवा की शपथ ली। खुशी के इस मौके पर पूरे गांव में जश्न मनाया गया। लेफ्टिनेंट बने अर्जुन सिंह खड़ाई को बधाई दी गई। अर्जुन की उपलब्धि इस गांव के लिए क्यों खास है, ये भी बताते हैं। आरे गांव में करीब 150 परिवार रहते हैं, जिनमें से 70 परिवार सीधे तौर पर सेना से जुड़े हुए हैं। यूं तो ये गांव पहले भी सेना को जवान देता रहा है, पर शनिवार को गांव का बेटा कमीशंड हो अफसर बन गया। 24 साल के अर्जुन गांव के पहले युवा हैं जिन्होंने सेना में अफसर बन गांव का मान बढ़ाया है। जश्न के इस मौके पर सोमवार को पूरे गांव में मिठाई बांटी गई। अर्जुन सिंह खड़ाई के पिता चंदन सिंह खड़ाई भी सेना में रह चुके हैं। सेना ज्वाइन करने की सीख अर्जुन को पिता से ही मिली। आईएमए देहरादून में ट्रेनिंग लेने के बाद शनिवार को जिन 306 अफसरों ने देशसेवा की शपथ ली, उनमें अर्जुन भी एक हैं।
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: तेज रफ्तार बोलेरो ने पति-पत्नी को कुचला..पति की मौत, पत्नी की हालत गंभीर
मां जानकी देवी और बहन पूजा भी भाई की इस उपलब्धि से गदगद हैं। अर्जुन का चयन गोरखा रेजीमेंट के लिए हुआ है, उन्हें सिलीगुड़ी में पोस्टिंग मिली है। पिता चंदन सिंह बताते हैं कि अर्जुन को बचपन से सैन्य माहौल मिला। अर्जुन ने 12वीं की परीक्षा केवी से 95 प्रतिशत अंकों के साथ पास की। बाद में पंतनगर यूनिवर्सिटी से बीएससी किया। इसी दौरान सीडीएस की तैयारी की और कंबाइंड डिफेंस सर्विस के लिए चुन लिए गए। अर्जुन का गांव उत्तराखंड की समृद्ध सैन्य परंपरा का गवाह रहा है। गांव में 150 परिवार रहते हैं, जिनमें से 70 परिवारों के सदस्य सेना में तैनात हैं। अर्जुन के रूप में इस गांव को पहला सैन्य अफसर मिला, ग्रामीणों ने कहा कि ये उपलब्धि सिर्फ अर्जुन ही नहीं पूरे गांव के लिए बेहद खास है। अर्जुन की सफलता दूसरे युवाओं को भी सेना में अफसर बनने के लिए प्रेरित करेगी।