टिहरी गढ़वाल: गहरी खाई में दो दिन तक पड़ी रही मामा-भांजे की लाश, तीसरे दिन मिली लोकेशन
नरेंद्रनगर से देहरादून जाते वक्त वीरेंद्र और रमेश हादसे का शिकार हो गये, हादसे की सूचना दो दिन बाद मिल सकी...
Dec 12 2019 2:23PM, Writer:कोमल
ये सच है कि मौत एक दिन सबको आनी है, पर तकलीफ तब होती है जब हमारे अपने हमें अचानक...बिना अलविदा कहे अकेला छोड़ जाते हैं, उत्तराखंड के टिहरी में रहने वाला एक परिवार भी इस वक्त इसी तकलीफ से गुजर रहा है। परिवार के दो सदस्य 35 साल के रमेश गुसाईं और 34 साल के वीरेंद्र सिंह महर तीन दिन पहले नरेंद्रनगर से देहरादून के लिए निकले थे। नरेंद्रनगर-रानीपोखरी रोड पर उनकी कार गहरी खाई में गिर गई, हादसा वीरान जगह हुआ, जिस वजह से दुर्घटना का पता नहीं चल सका। हादसे में वीरेंद्र और रमेश की मौत हो गई। वीरेंद्र रमेश के मामा थे। परिवार वाले दो दिन तक उन्हें फोन मिलाते रहे, पर किसी ने फोन नहीं उठाया, उठाते भी कैसे, दोनों अनहोनी का शिकार जो हो गए थे। दो दिन बाद भी जब उनका कोई पता नहीं चला तो पुलिस को सूचना दी गई।
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तीसरे दिन पुलिस लोकेशन ट्रेस कर मौके पर पहुंची तो देखा कि मामा-भांजे के शव गहरी खाई में पड़े हैं। बड़ी मुश्किल से शवों को खाई से निकालकर सड़क तक लाया गया। परिजनों को जैसे ही दोनों की मौत की खबर मिली उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। रमेश गुसाईं कंडारी गांव के रहने वाले थे, जबकि वीरेंद्र सिंह महर जरमोला गांव में रहते थे। 9 दिसंबर की शाम दोनों मारूति कार से देहरादून जा रहे थे, नरेंद्रनगर-रानीपोखरी मोटर मार्ग पर सोनगढ़ी खाला के पास उनकी कार गहरी खाई में जा गिरी। जब दोनों देहरादून नहीं पहुंचे तो परिजनों ने उन्हें कॉल किया पर कॉल रिसीव नहीं हुई। रमेश का देहरादून अजबपुर-कलां में कंप्यूटर सेंटर है। जबकि वीरेंद्र पंजाब के होटल में नौकरी करते थे। वीरेंद्र डेढ़ महीने पहले ही घर लौटे थे। पुलिस को हादसे की सूचना बुधवार को मिली। रानीपोखरी रोड से गुजरने वाले लोगों ने पुलिस को सूचना दी थी। जिस जगह हादसा हुआ है वहां गाड़ियों की आवाजाही कम होती है, इसीलिए समय रहते हादसे की सूचना नहीं मिल सकी। पुलिस ने दोनों शव पोस्टमार्टम के लिए ऋषिकेश भेज दिए हैं।