image: Government is not providing financial help to athlete garima joshi

उत्तराखंड को कई मेडल दिलाने वाली गरिमा के पिता ने मांगी इच्छामृत्यु

एथलीट गरिमा जोशी और उनके पिता ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेज इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है...
Dec 12 2019 3:50PM, Writer:कोमल

पहाड़ की बेटियां प्रदेश को मेडल दिलाने के लिए दिन-रात जूझ रही हैं, लेकिन इनकी परवाह किसे है? ये अल्मोड़ा की नेशनल एथलीट गरिमा को देखकर समझा जा सकता है। नेशनल एथलीट गरिमा और उनके पिता का सभी से भरोसा उठ गया है और अब पिता-बेटी राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की अनुमति मांग रहे हैं। गरिमा द्वाराहाट के ग्राम छतगुल्ला की रहने वाली हैं, पिछले साल बेंगलुरू में हुए एक हादसे में उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। दौड़ कर दुनिया जीत लेने का सपना देखने वाली गरिमा एक झटके में व्हीलचेयर पर आ गईं। किस्मत का खेल देखिए, इधर गरिमा जिंदगी की जंग लड़ रही थीं तो वहीं दूसरी तरफ उनकी मां कैंसर से जिंदगी की जंग हार गईं। पिता पूरन चंद्र जोशी ने पत्नी और बेटी के इलाज के लिए बैंक से लोन लिया था, जिसे वो चुका नहीं पाए। लाचार पूरन चंद्र बेटी का इलाज भी नहीं करा पा रहे। उनका घर नीलाम होने वाला है।

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एक महीने पहले भी उन्होंने राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की गुहार लगाई थी, अब दोबारा इच्छा मृत्यु की मांग वाला प्रार्थना पत्र भेजा है। गरिमा साल 2014 में राज्य मैराथन प्रतियोगिता और अहमदाबाद में राष्ट्रीय मैराथन में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। दून हाफ मैराथन के साथ ही पंजाब मैराथन में उन्होंने पहला स्थान हासिल किया। साल 2018 में अंतरराष्ट्रीय मैराथन में चुने गए टॉप छह खिलाड़ियों में गरिमा भी शामिल थीं। व्हील चेयर पर होने के बाद भी वो लगातार खेल रही हैं। इसी साल उन्होंने दिल्ली सफदरजंग अस्पताल की व्हीलचेयर मैराथन में द्वितीय तथा 500 मीटर वर्ग में प्रथम स्थान हासिल किया, लेकिन पहाड़ की बेटी गरिमा की ये उपलब्धियां किसी को दिख नहीं रहीं, यही वजह है कि गरिमा और उनके पिता अब राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु मांग रहे हैं।


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