image: Father and son dies in pithoragarh due to gas from fireplace

उत्तराखंड: कमरे में अंगीठी जलाकर सोया था परिवार..पिता और 38 दिन के बेटे की मौत, मां गंभीर

लोग अभी भी जाने-अनजाने में कमरे में अंगीठी जलाते हैं, जो कि जानलेवा है। पहाड़ में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। पढ़िए पूरी खबर
Dec 16 2019 10:25AM, Writer:आदिशा

पहाड़ों में बर्फबारी के बाद मौसम सर्द हो गया है। लोग अलाव, अंगीठी का सहारा ले रहे हैं। अलाव जलाएं लेकिन घर से बाहर क्योंकि बंद कमरे में अंगीठी या अलाव जलाना जानलेवा साबित हो सकता है। ऐसे ही एक हादसे की खबर उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से आई है। बंद कमरे में पिता-पुत्र और मां अंगीठी जलाकर सो थे। इसका परिणाम ये हुआ कि पिता और बेेटे की मौत हो गई जबकि मां की हालत बेहद गंभीर है। बताया जा रहा है कि ये परिवार रई पुल के पास किराये के मकान में रहता था। जब इस परिवार की सदस्य काली देवी अर्धबेहोशी की हालत में कमरे में बाहर निकली तो हड़कंप मच गया। आस पड़ोस के लोग कमरे के भीतर पहुंचे तो वहां दो लोग मृत पड़े थे और एक महिला बेहोशी की हालत में पड़ी थी। तुरंत ही इस बात की खबर पुलिस को दी गई। दो लोगों की मौत की खबर पाकर पुलिस भी सकते में आ गई।

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पूछताछ की तो पता चला कि धनवीर सिंह और उसके 38 दिन का बेटे किरन की लाश मौके पर पड़ी थी। धनवीर सिंह की पत्नी शांति देवी बेहोश पड़ी थी, जिसे तुरंत ही जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया। काली देवी ने बताया कि ठंड से बचने के लिए परिवार ने अंगीठी जलाई थी। कमरे की सभी खिड़कियां बंद थी। ऐसे में माना जा रहा है कि कोयले की वजह से गैस बनी होगी और ऑक्सीजन की कमी हुई होगी। अस्पताल में भर्ती शांति देवी की हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलनेे के बाद ही स्थिति साफ होगी। आपको बता दें कि अंगीठी में इस्तेमाल होने वाले कोयले से कॉर्बन मोनोऑक्साइड के अलावा कई जहरीली गैसें निकलती हैं। ये जानलेवा साबित हो सकती हैं। इसलिए ऐसा भूलकर भी न करें।


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