उत्तराखंड में बनकर तैयार है वो डबल लेन पुल, जिसका इंतजार लंबे वक्त से भारतीय सेना को था
जोशीमठ-मलारी हाईवे का फायदा सिर्फ सैन्य गतिविधियों के लिए ही नहीं पर्यटन गतिविधियों में भी मिलेगा...
Dec 25 2019 11:23AM, Writer:कोमल
उत्तराखंड सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण राज्य है। राज्य की सीमाएं चीन और नेपाल जैसे देशों से सटी हैं। अब चीन सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी, बॉर्डर पर सेना की आवाजाही आसान होगी। जोशीमठ-मलारी और पुनार पुल का लोकापर्ण हो गया है, जिसके बाद सेना की राह आसान हो गई है। मंगलवार को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चमोली में जोशीमठ-मलारी हाईवे के साथ-साथ इसी सड़क पर बने पुनार पुल का लोकार्पण किया। जिसके बाद इसे विधिवत रूप से आवाजाही के लिए खोल दिया गया है। पुल का निर्माण और सड़क का चौड़ीकरण सीमा सड़क संगठन यानि बीआरओ ने किया है। जोशीमठ-मलारी हाईवे का फायदा सिर्फ सैन्य गतिविधियों के लिए ही नहीं पर्यटन गतिविधियों में भी मिलेगा। लोकार्पण समारोह में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से लगा हुआ है। इन सीमाओं में दस किलोमीटर भीतर तक पर्यटकों की आवाजाही शुरू करने की योजना बनाई जा रही है।
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जोशीमठ-मलारी हाईवे खुलने से क्षेत्र में पर्यटन बढ़ेगा, ज्यादा से ज्यादा लोग यहां पहुंच सकेंगे। नीती घाटी की खूबसूरती पूरी दुनिया में मशहूर है, पर अफसोस कि आज भी यहां काफी कम पर्यटक पहुंच पाते हैं। जोशीमठ मलारी हाईवे खुलने से यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। ज्यादा से ज्यादा लोग नीती घाटी की खूबसूरती को निहारने के लिए उत्तराखंड आएंगे। जिससे यहां सांस्कृतिक-व्यापारिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी। सीमा से सटा जोशीमठ-मलारी हाईवे डबल लेन हाईवे है। 62.66 किमी लंबी इस सड़क को डबल लेन बनाने में 265 करोड़ और पुल निर्माण में 494.30 लाख की लागत आई है। हाईवे बन जाने के बाद सेना के जवानों को जोशीमठ से रिमखिम तक पहुंचने में सिर्फ 3 घंटे लगेंगे, पहले ये सफर तय करने में 8 घंटे लगा करते थे। हाईवे के जरिए सरकार यहां पर्यटकों की आवाजाही को आसान बनाना चाहती है।