साल 2019 में कुछ अच्छी यादें रहीं, तो कुछ ऐसे दर्द भी मिले जो कि दिलो-दिमाग पर हमेशा के लिए असर छोड़ गए..
बीता साल विदा लेने वाला है, नये साल के स्वागत की तैयारियां चल रही हैं। साल 2019 कई मायनों में बेहद खास रहा। कुछ अच्छी यादें रहीं, तो कुछ ऐसे दर्द भी मिले जो कि दिलो-दिमाग पर हमेशा के लिए असर छोड़ गए। साल की शुरुआत में हुआ पुलवामा हमला ऐसी ही बुरी याद है, जिसमें उत्तराखंड ने अपने कई जांबाजों को खो दिया। इनकी, इनके परिवारों की कहानियों ने हर देशवासी को भीतर तक झकझोर कर रख दिया। चलिए साल को विदाई देते वक्त उन घटनाओं के बारे में जान लेते हैं, जो कि पूरे सालभर चर्चा में रहीं। जिन्होंने पूरे देश का ध्यान अपनी तरफ खींचा.
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बीजेपी विधायक पार्टी से निष्कासित
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इस साल जिस विधायक की दबंगई सबसे ज्यादा चर्चा में रही, वो हैं कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन। 10 जुलाई 2019 को उनका एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें विधायक चैंपियन तमंचे हवा में लहराते हुए नाच रहे थे। साथ में अश्लील शब्दों का इस्तेमाल भी कर रहे थे। इस वीडियो की खबर दिल्ली तक पहुंची, जिसके बाद बीजेपी ने विधायक कुंवर प्रणव सिंह को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया।
मीटू मूवमेंट
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मीटू मूवमेंट भी पूरे देशभर में छाया रहा और इसके असर से उत्तराखंड भी अछूता नहीं रहा। साल 2018 के अंत में बीजेपी की एक महिला कार्यकर्ता ने बीजेपी के प्रदेश महामंत्री संजय कुमार पर शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया। ये मामला राष्ट्रीय सुर्खियों में छाया रहा। मामले के तूल पकड़ने के बाद बीजेपी ने संजय कुमार को उनके पद से हटा दिया।
भाई को बचाने के लिए गुलदार से भिड़ गई राखी
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बीते 6 अक्टूबर को हिम्मत और साहस की ऐसी कहानी सामने आई, जिसे हर किसी ने सलाम किया। कहानी है पौड़ी के देवकुंडई गांव की रहने वाली 11 साल की राखी की, जो कि अपने 4 साल के भाई को बचाने के लिए गुलदार से भिड़ गई। राखी को गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से नवाजा जाएगा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राखी को सम्मानित करेंगे।
राजनीति के लिहाज से भी खास रहा साल
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ये साल राजनीति के लिहाज से भी खास रहा। प्रदेश के दो बड़े चेहरे राजनीति के शिखर तक पहुंचने में सफल रहे। इनमें पहला नाम है डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक का, जिन्हें 30 मई को मोदी कैबिनेट में जगह मिली। उन्हें मानव संसाधन विकास मंत्री बनाया गया। दूसरे हैं भगत सिंह कोश्यारी जिन्हें महाराष्ट्र का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया।
घोटाओं के खुलासे
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बीता साल घोटाओं के खुलासे के लिए भी याद किया जाएगा। साल 2019 में एसआईटी ने करीब 500 करोड़ रुपये के चर्चित छात्रवृत्ति घोटाले का पर्दाफाश किया। एसआईटी ने खुलासा किया कि समाज कल्याण विभाग ने साल 2012 से 2013 और वर्ष 2015 से 2016 के बीच एससी-एसटी और ओबीसी छात्रों के लिए करोड़ों रुपये दिए थे, पर ये पैसा छात्रों तक नहीं पहुंचा। इस मामले कमें अब तक कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
बहादुर बेटों की शहादत
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बिना शहीदों के जिक्र के इस साल को विदाई कैसे दी जा सकती है। फरवरी में हुए पुलवामा हमले में उत्तराखंड के कई बहादुर बेटों ने अपनी शहादत दी थी। इन बेटों की शहादत पर पूरा देश रोया था। शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल को अंतिम विदाई के वक्त पत्नी ने शहीद पति का माथा चूमकर कहा ‘आई लव यू...जय हिंद मेरे हीरो’। मेजर विभूति शंकर शादी के दस महीने बाद ही देश के लिए शहीद हो गए। देहरादून के मेजर चित्रेश सिंह भी शादी के दस दिन पहले राजौरी में आईईडी धमाके में शहीद हो गए थे।
एनएच 74
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आखिर में एनएच 74 घोटाले का जिक्र करेंगे, जिसमें मुआवजे में धांधली की गई। साल 2018 में इस मामले में दो आईएएस अधिकारी पंकज पांडेय और चंद्रेश यादव को सस्पेंड गिया गया था। हालांकि बाद में दोनों बहाल हो गए। इस मामले में अब तक 22 लोगों को जेल भेजा जा चुका है।