उत्तराखंड में एक बार फिर आए भूकंप के झटके, एक बार फिर मिले बुरे संकेत
उत्तराखंड पर महाभूकंप का खतरा मंडरा रहा है, पिथौरागढ़ में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किये गए...
Jan 2 2020 11:09AM, Writer:कोमल
उत्तराखंड की धरती का बार-बार डोलना अच्छा संकेत नहीं है। लगातार महसूस हो रहे कम तीव्रता के झटके आने वाली बड़ी आपदा का संकेत हो सकते हैं। बुधवार को पिथौरागढ़ की धरती एक बार फिर कांप गई। यहां भूकंप के झटके महसूस किए गये। इस बार पिथौरागढ़ के साथ-साथ बागेश्वर में भी भूकंप के झटके महसूस हुए, जिसके बाद से लोग डरे हुए हैं। जब लोग नये साल के जश्न की खुमारी में डूबे थे, ठीक उसी वक्त पिथौरागढ़ की धरती कांप गई। आपदा प्रबंधन केंद्र के अनुसरा भूकंप शाम 4 बजकर 15 मिनट पर आया। जिसे पिथौरागढ़ के साथ-साथ बागेश्वर में भी महसूस किया गया। भूकंप की तीव्रता कम थी, इसीलिए जान-माल का नुकसान नहीं हुआ, पर लोग डरे हुए हैं। कई लोगों ने रात डर-डरकर काटी। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.1 थी। कम तीव्रता होने की वजह से ज्यादातर लोगों को इसके आने का पता ही नहीं चला।
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बुधवार को आये भूकंप का केंद्र पिथौरागढ़ जिले में ही 10 किलोमीटर की गहराई में था। बागेश्वर में भी भूकंप के झटके महसूस किये गए। लगातार महसूस हो रहे भूकंप के झटकों से लोग डरे हुए हैं। पिछले कुछ दिनों के भीतर रुड़की, हरिद्वार, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और देहरादून समेत पूरे राज्य में भूकंप के झटके महसूस किये गए। 13 दिसंबर को चमोली और रुद्रप्रयाग में भूकंप आया। 24 नवंबर, 8 दिसंबर और 6 दिसंबर को नाचनी में धरती डोली। बीते 19 नवंबर को भी पिथौरागढ़ में भूकंप के झटके महसूस किये गये थे। कभी पिथौरागढ़, कभी चमोली तो कभी उत्तरकाशी-रुद्रप्रयाग, इन चार जिलों में लगातार भूकंप के हल्के झटके महसूस किए जा रहे हैं। वैज्ञानिक कह चुके हैं कि उत्तराखंड पर महाभूकंप यानि मेगा अर्थक्वैक का खतरा मंडरा रहा है। लंबे वक्त से भूगर्भ में इकट्ठा हो रही ऊर्जा कभी भी महाभूकंप का सबब बन सकती है।