चमोली जिले की DM स्वाति ने बदली मिस्त्री के बेटे की जिंदगी, कर दिखाया नेक काम
कहते हैं..जिंदगी को अच्छा बनाने के लिए एक मार्गदर्शक की जरूरत होती है। आइए आज एक ऐसी ही कहानी जानिए..जब डीएम स्वाति भदौरिया एक बच्चे के लिए सच्ची मार्गदर्शक बनीं
Jan 5 2020 1:09PM, Writer:आदिशा
महेन्द्र...उत्तराखंड के चमोली जिले का एक बच्चा, जिसके पिता मिस्त्री का काम करते हैं। महेन्द्र ने भी कभी अपनी जिंदगी में कुछ सपने पाले थे और वो उन सपनों को सच करना चाहता था। हर बार गरीबी सामने आ जाती और महेन्द्र के सपने भी गरीबी के उस बोझ तले दब जाते थे। घर में पिता अकेले कमाने वाले थे तो महेन्द्र ने भी काम तलाशा। किस्मत अच्छी थी...महेन्द्र को चमोली की जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया के आवास पर काम मिला। एक दिन महेन्द्र डीएम स्वाति के बच्चे को खिलाते हुए कुछ गा रहा था। उस दौरान डीएम स्वाति ने उसकी आवाज़ को पहचाना। हैरान होकर डीएम स्वाति भदौरिया ने कहा कि कुछ और भी गाकर सुनाओ। महेन्द्र ने एक दो गीत और सुनाए और ये ही वो वक्त था..जो महेन्द्र की जिंदगी के लिए गोल्डन टाइम बन गया। चमोली जिले में पर्यटन को बढ़ाने के लिए डीएम स्वाति ने महेन्द्र से पर्यटन पर आधारित गीत तैयार करने को कहा। सिर्फ इतना ही नहीं...गौचर मेले में महेन्द्र को गाने का मौका मिला। किस्मत देखिए...उसी दौरान गौचर मेले में सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत भी मौजूद थे। सीएम ने भी महेन्द्र की आवाज की तारीफ की और तुरंत ही उसे 51 हजार रुपये नगद ईनाम दिया। डीएम स्वाति ने महेन्द्र से लोकसभा इलेक्शन के लिए गीत (वोट की अपील) तैयार करवाया और साथ ही चमोली एंथम बनाया। अब महेन्द्र गायकी के क्षेत्र में नाम कमा रहे हैं और आगे चलकर कुछ नया करना चाहते हैं। इतना जरूर है कि जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने मजदूर के बेटे को जमीन से उठाकर आसमान की ऊंचाइयों पर उड़ना सिखा दिया।
यह भी पढ़ें - पहाड़ की सुमन रावत..सरकारी नौकरी की तैयारी छोड़ी, मशरूम से बदल दी जिंदगी