image: electric car in dehradun upcl

अब देहरादून की सड़कों पर दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक कारें, जानिए इन कारों की बेमिसाल खूबियां

यूपीसीएल उत्तराखंड में पहली बार ग्रीन प्लेट वाली गाड़ियों को सड़कों पर उतारने जा रहा है। विभाग की 5 टाटा टिगोर इलेक्ट्रिक कारें जल्द ही यूपीसीएल के कामों से देहरादून (electric car in dehradun) में दौड़ती नजर आएंगी।
Feb 19 2020 2:49PM, Writer:कोमल नेगी

पॉल्यूशन से हांफ रहे देहरादून को राहत मिलने वाली है। अब दून की सड़कों पर इलेक्ट्रिक वाहन (electric car in dehradun) दौड़ते नजर आएंगे। राज्य के ऊर्जा विभाग ने शहर में ईवी क्रांति का आगाज कर दिया है। इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए यूपीसीएल ने ईईसीएल से पांच गाड़ियां किराये पर ली हैं, ये गाड़ियां सड़कों पर दौड़ने के लिए तैयार हैं। यूपीसीएल उत्तराखंड में पहली बार ग्रीन प्लेट वाली गाड़ियों को सड़कों पर उतारने जा रहा है। विभाग की ग्रीन प्लेट वाली 5 टाटा टिगोर इलेक्ट्रिक कारें जल्दी ही यूपीसीएल के कामों से शहरभर में दौड़ती नजर आएंगी। केंद्र सरकार साल 2030 तक भारत को पूरी तरह इलेक्ट्रिक व्हीकल वाला देश बनाने की कोशिश में जुटी है, पर पहाड़ में कई प्रयासों के बावजूद अब तक एक भी ई-व्हीकल नहीं चल पाया। ईवी क्रांति में शामिल होने के लिए उत्तराखंड ने दो बार असफल प्रयास किए। पहली कोशिश अप्रैल 2018 में हुई, तब सचिवालय में ट्रायल पर इलेक्ट्रिक कारें लाई गईं थीं, लेकिन चार्जिंग स्टेशन ना बन पाने की वजह से ये कारें सचिवालय में ही खड़ी रहीं, बाद इन्हें वापस भेज दिया गया। आगे पढ़िए

यह भी पढ़ें - उड़ता उत्तराखंड: एंबुलेंस से हो रही थी शराब की तस्करी, पुलिस चेकिंग के दौरान बड़ा खुलासा
इसके बाद देहरादून-मसूरी के साथ-साथ हल्द्वानी-नैनीताल के बीच ई-बस संचालन का ट्रायल हुआ, पर इन पर खर्चा ज्यादा आने की वजह से ये कोशिश भी परवान चढ़ती नहीं दिख रही। बजाज ई-स्कूटर हो, रिवोल्ट ई-बाइक हो या फिर टाटा महिंद्रा की इलेक्ट्रिक कारें....दून की सड़कों पर ये कहीं नहीं दिखाई देतीं। ऐसे में यूपीसीएल ने अपनी इलेक्ट्रिक कारें सड़कों पर दौड़ाने का इंतजाम कर सफल कोशिश की है। कारें देहरादून (electric car in dehradun) पहुंच गई हैं। इनके लिए यूपीसीएल ने अपनी पार्किंग में जगह आरक्षित की है। वहां एसी, डीसी चार्जर भी लगाया गया है, ताकि चार्जिंग ना होने की वजह से कारें रुकें नहीं। ये पांच गाड़ियां प्रदेश की पहली ऐसी इलेक्ट्रिक गाड़ियां होंगी जो नियमित रूप से सड़कों पर दौड़ेंगी। फुल चार्ज में ये गाड़ियां 100 किलोमीटर तक दौड़ेंगी। इनकी चार्जिंग पर खर्च प्रति किलोमीटर औसतन 85 पैसे आएगा। ड्राइवरों को इलेक्ट्रिक कार चलाने की ट्रेनिंग दी जा चुकी है। इन कारों के संचालन से पॉल्यूशन नहीं होगा, विभाग को कम से कम 6.75 लाख रुपये की सालाना बचत होगी। हर तरफ से फायदा ही फायदा है। कुल मिलाकर यूपीसीएल को प्रदेश में पहली ग्रीन प्लेट वाली गाड़ियां चलाने का श्रेय मिलने जा रहा है। विभाग की नई इलेक्ट्रिक कारें सड़क पर उतरने को तैयार हैं।


View More Latest Uttarakhand News
View More Trending News
  • More News...

News Home