उत्तराखंड: दिल्ली मरकज से लौटे जमातियों को गांव वालों ने दी पनाह, पुलिस ने दर्ज किया केस
इन लोगों ने निजामुद्दीन मरकज से लौटे 8 जमातियों को अपने घर पर पनाह दी थी। पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
Apr 3 2020 10:23PM, Writer:कोमल नेगी
निजामुद्दीन मरकज में हुआ जलसा पूरे देश में कोरोना संक्रमण का बड़ा जरिया बन गया है। उत्तराखंड भी इससे अछूता नहीं रहा। यहां एक ही दिन में 9 नए कोरोना पॉजिटिव केस सामने आ गए हैं। अक्ले देहरादून से 5 और उधम सिंह नगर से 4 नए केस सामने आ गए हैं। खास बात ये है कि ये 9 के 9 पॉजिटिव केस उन जमातियों के ही हैं, जो प्रदेश से बाहर किसी जमात का हिस्सा बने थे। पूरे उत्तराखंड में अलग-अलग जमातों से लौटे जमातियों की संख्या सैकड़ों में है। दो सौ से ज्यादा जमातियों को क्वारेंटाइन किया गया है। राज्य सरकार और पुलिस अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है। क्वारेंटीन अधूरा छोड़ने वाले और जमातियों को अपने घर पर ठहराने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। लेकिन इसी जमात में कुछ लोग हैंजो सुधर नहीं रहे हैं। ताजा मामला रुड़की का है, जिसे जानकर आपके होश उड़ जाएंगे। आगे पढ़िए
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रुड़की के मंगलौर में 8 जमातियों को अपने घरों पर ठहराने वाले 4 ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। इन लोगों पर निजामुद्दीन मरकज में हुए तब्लीगी जमात से लौटे 8 जमातियों को अपने घर पर ठहराने का आरोप है। पुलिस ने चारों पर बीमारी को लेकर उपेक्षापूर्ण व्यवहार करने और दूसरों की जान खतरे मे डालने संबंधी धाराओं में केस दर्ज किया है। गुरुवार को जमात से लौटे जमातियों को पुलिस ने रुड़की के एक गेस्ट हाउस में क्वारेंटाइन किया। इसी दौरान पता चला कि दिल्ली से लौटे जमातियों को खड़ंजा कुतुबपुर गांव में ग्रामीणों ने अपने घर पर रुकाया था। अब इन लोगों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है। अब सवाल ये है कि आखिर उत्तराखंड में ये हो क्या रहा है? कैसे अचानक व्यवस्थाएं इस तरह से बिगड़ने लगी हैं? आगे पढ़िए
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रुड़की में क्वारेंटाइन अवधि पूरी होने से पहले ही दिल्ली लौटने वाले 6 युवाओं के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ है। ये सभी हसनपुर मदनपुर क्षेत्र के रहने वाले हैं। दिल्ली से लौटने के बाद इन्हें होम क्वारेंटाइन किया गया था, लेकिन ये लोग क्वारेंटाइन अवधि पूरी होने के चार दिन पहले ही फरार हो गए। इनके खिलाफ भी रुड़की पुलिस ने केस दर्ज किया है। अब सवाल ये है कि सब कुछ जानने और समझने के बाद भी ये लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं? जब इन लोगों को पता है कि कोरोना वायरस संक्रमण बहुत बुरे तरीके से फैल सकता है और शहर के शहर को तबाह कर सकता है, ऐसे में क्या किसी से इस तरह की उम्मीद की जा सकती है? संभलिए क्योंकि अभी भी वक्त है। संभलिए कहीं उत्तराखँड श्मशान न बन जाए।