उत्तराखंड के हर जिले में ऐसी फूड वैन होनी चाहिए, हो गई शानदार शुरूआत..जानिए इसकी खूबियां
गजब की फूड वैन की व्यवस्था..ये फूड वैन प्रतिदिन 150 से भी अधिक जरूरतमन्दों को भरपेट भोजन करवा रही है।
Apr 4 2020 1:31PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
उत्तराखंड में चल रही कोरोना की टेंशन के बीच एक सुकूनदायक खबर आई है। सबको 21 दिन के लॉकडाउन के बारे में तो पता ही होगा। सबको ये भी ज्ञात होगा कि दैनिक मजदूरों और रोज़मर्रा के काम करके आजीविका चलाने वाले लोगों को इस लॉकडाउन के बाद कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा होगा। इन लोगों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता होगा। खैर सरकार ने ऐसे जरूरतमंद लोगों के लिए गोपेश्वर बस स्टैंड में सरकारी फूड वैन के जरिये भोजन मुहैया कराने का कार्य अपने जिम्मे ले लिया है। अन्न के लिए कोई क्या कुछ नहीं करे। अगर अन्न न मिले तो जीवन व्यापन करना नामुमकिन हो जाएगा। कोरोना के चलते ऐसे लोगों की आर्थिक परिस्थितियां भी सही नहीं हैं जिस वजह से ये लोग खाद्दान खरीदने में अक्षम हैं। इसलिए उत्तराखंड के चमोली जिले से एक शानदार शुरुआत हो गई है। आप भी पढ़िए आगे
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खाद्यान समस्या को ध्यान में रखते हुए और इन सभी लोगों का पेट भरने के लिए सरकार गोपेश्वर बस स्टैंड पर प्रतिदिन दाल, चावल, लोगों को मुफ्त परोस रही है।यहां दोपहर से लेकर शाम तक भोजन के लिए लोग आ रहे हैं। चलिये जानते हैं किस तरह यह फूड वैन जरूरतमंदों के लिए वरदान समान साबित हुई है। दरअसल मोबाइल फीस आउटलेट, वाहन जिला योजना से मत्स्य विभाग ने खरीदी थी। यह वैन गौचर और कर्णप्रयाग के बीच हाईवे पर भोजन परोसकर लोगों की आजीविका का साधन थी। लॉकडाउन के बाद जिला मुख्यालय पर बहुत भारी संख्या में मजदूर और अन्य लोगों के भरण-पोषण की ज़िम्मेदारी आ गयी। इसी वजह से प्रशासन ने इस फूड वैन को गोपेश्वर में तैनात करके प्रतिदिन फ्री भोजन की व्यवस्था इन जरूरतमंदों के लिए की है।
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प्रभारी मत्स्य अधिकारी जगदम्बा प्रसाद का कहना है कि दो दिनों से लोगों की सेवा कर रही यह वैन प्रतिदिन 150 से भी अधिक लोगों को अन्न देती है। यहां हर तरह के जरूरतमंद लोगों को भरपेट भोजन मुहैय्या कराया जाता है। उसी के साथ एनटीपीसी के परियोजना प्रमुख राजेन्द्र प्रसाद अहिरवार ने मजदूरों को चावल, दाल और गुड़ जैसे ज़रूरी खाद्दान्न वितरित किये। उन्होंने कहा कि तकरीबन 500 मजदूरों को राशन दिया गया। साथ ही साथ उन्होंने कहा कि ये लोग हमारी ज़िम्मेदारी हैं और हम इनको भविष्य में कभी भी खाद्य सामग्री की कमी नहीं होने देंगे। हमारी भी भगवान से यही प्रार्थना है कि इन विकट परिस्थितियों में भी हमारी देवभूमि में कोई भूखे पेट न सोये। कुल मिलाकर ये एक बहुत भी शानदार काम है और उत्तराखंड के हर जिले में ऐसा होना चाहिए