गढ़वाल: गर्भपात के बाद इलाज नहीं मिला, सड़क पर ही बैठी रही महिला मरीज
टिहरी गढ़वाल से एक दर्दनाक खबर सामने आ रही है। इस खबर में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही साफ झलक रही है।
Apr 4 2020 1:20PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
कोरोना को एक वैश्विक महामारी के तौर पर घोषित कर दिया गया है यह तो हम सब जानते ही हैं। कोरोना के चलते अधिकांश अस्पतालों को कोविड बना दिया गया है। इस वजह से आम आदमियों के लिए उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं में भारी कमी हुई है। यूं मानिए कि उनके लिए स्वास्थ्य सेवाएं लगभग शून्य हो गयी हैं। उत्तराखंड में भी कुछ ऐसा ही हाल है। ज़रा सोचिए कि उन लोगों का क्या होगा जिनका इस वायरस से कोई लेना-देना नहीं है? क्या अस्पतालों को कोविड बनाने के बाद आम लोगों के लिए कुछ व्यवस्था है कि नहीं? ये तमाम सवाल प्रशासन पर उठते हैं। अगर ये सवाल आपको अभी नहीं खटक रहे हैं तो और कब खटकेंगे? टिहरी में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। गुरुवार को जिला अस्पताल में थौलधार ब्लॉक से गर्भपात होने के बाद पहुंची महिला को उपचार नहीं मिल पाया। आगे भी पढि़ए
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इलाज न मिलने के कारण विवश होकर महिला सड़क किनारे ही बैठी रही। दरअसल कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए टिहरी में स्थित हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट द्वारा संचालित जिला अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाया गया है। स्वास्थ्य विभाग के लापरवाही करने की वजह से लोगों तक यह जानकारी नहीं पहुंच पाई। गुरुवार को नगुण गुसाई की महिला तारा देवी गर्भपात के बाद अस्पताल में इलाज के लिए आई थी। मगर अस्पताल ने न ही उनका इलाज किया और न ही उनको भर्ती किया। तारा देवी मायूस होकर काफी देर तक सड़क किनारे बैठी रही और जब उम्मीद की कोई किरण उनको नहीं दिखी तो वो बेचारी वापस चली गयी। इस के अलावा एक नौ साल का बच्चा उंगली में फ्रैक्चर होने के कारण अस्पताल गया।
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अस्पताल वालों ने कोविड अस्पताल के चलते उस छोटे बच्चे का इलाज करने से भी साफ इंकार कर दिया। जब हिमालयन अस्पताल के प्रबंधक पुनीत से बात हुई तो उन्होंने बताया कि सीएमओ के आदेश पर ही इसे कोविड अस्पताल बनाया गया है और किसी भी मरीज को भर्ती न करने के आदेश दिए गए हैं। इसी विषय पर सीएमओ ने कहा कि आम मरीजों के लिए चंबा स्वास्थ्य केंद्र में सारी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। मरीजों को इलाज के लिए अब चम्बा ही जाना पड़ेगा। वहीं थौलधार के पूर्व कनिष्ठ प्रमुख कुलदीप पंवार ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की वजह से ही मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। वजह चाहे जो भी हो, आम लोगों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी भी स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की है और कोरोना की वजह से आम लोगों के इलाज में जो भी दिक्कत आ रही है, हम आशा करते हैं उनका भी उपाय जल्द से जल्द स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन द्वारा निकाला जाएगा।