देहरादून में भर्ती अमेरिकी नागरिक ने कोरोना को हराया..कहा-यहां के डॉक्टर बेमिसाल हैं
अमेरिकी नागरिक जॉनाथन हंटर ने अपनी हिम्मत की बदौलत कोरोना पर जीत हासिल कर ली। उनकी दो रिपोर्ट्स कोरोना नेगेटिव आई हैं। दून में इलाज के दौरान जॉनाथन ने क्या महसूस किया, ये भी पढ़िए...
Apr 13 2020 2:52PM, Writer:कोमल नेगी
‘जिन लोगों से मैं पहले कभी नहीं मिला, उनका समर्पण अनमोल रहा। इन्हीं की बदौलत मुझे कोरोना जैसी महामारी से लड़ने की ताकत मिली। एक नर्स, जिसका मैं नाम भी नहीं जानता था। उस पर किसी बात के लिए खीजना आसान था, मगर उसकी मुस्कुराती आंखे हमेशा यही कहती नजर आईं कि सेवा ही धर्म है। अस्पताल में मेरा इलाज करने वाली डॉ. रीता शर्मा में भी कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने का यही जज्बा दिखा’। ये शब्द हैं अमेरिकी नागरिक जॉनाथन हंटर के। जिन्होंने 22 दिन तक चली जंग के बाद आखिरकार कोरोना को मात दे दी। जॉनाथन अब स्वस्थ हैं। उनकी लगातार दो रिपोर्ट नेगेटिव आई हैं। दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट किए गए जॉनाथन को जल्द ही अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। फिर वो अमेरिका लौट सकेंगे। आगे जानिए जॉनाथन किस तरह से उत्तराखँड का शुक्रिकेया अदा किया है।
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जॉनाथन के लिए कोरोना के इलाज में बिताया गया पूरा वक्त किसी रोलर कोस्टर राइड की तरह था, लेकिन उत्तराखंड में उन्हें जो प्यार और अपनापन मिला, उसने कोरोना के खिलाफ जंग को आसान बना दिया। यहां के डॉक्टर्स और हॉस्पिटल स्टाफ ने उन्हें जो स्नेह दिया, उसने जॉनाथन को हमेशा डटे रहने की हिम्मत दी, साथ ही सब ठीक होने की उम्मीद भी। जॉनाथन कहते हैं कि अब उन्हें दून अस्पताल के डॉक्टर, नर्स और दूसरे चिकित्साकर्मी अपने परिवार के सदस्य जैसे लगने लगे हैं। जब वो अमेरिका लौटेंगे तो उनके साथ दून में बिताए वक्त की सुखद यादें भी साथ होंगी, जो अब उनकी जिंदगी का अहम हिस्सा हैं। आपको बता दें कि अमेरिकी नागरिक जॉनाथन हंटर 11 मार्च को दिल्ली आए थे। वहां से 15 मार्च को देहरादून पहुंचे। इसी बीच वो काम के सिलसिले में आईटीडीए भी गए। जॉनाथन राजपुर रोड के सरोवर पोर्टिको में ठहरे थे। कोरोना के लक्षण मिलने पर उन्हें 21 मार्च को अस्पताल में भर्ती कराया गया। 23 मार्च को पता चला कि वो कोरोना पॉजिटिव हैं। उत्तराखंड के स्वास्थ्यकर्मियों की सेवा और स्नेह की बदौलत जॉनाथन कोरोना को हराने में कामयाब रहे। अब वो स्वस्थ हैं।