image: corona warrior gram pradhan mohan singh mehra

पहाड़ में ऐसे प्रधान भी हैं..35 प्रवासियों की अकेले देखभाल कर रहा है ये ग्राम प्रधान

तमाम चुनौतियों के बावजूद भी ग्राम प्रधान का हौसला डगमगाया नहीं। अपने गांव में मौजूद 4 क्वारंटाइन केंद्रों को वह अकेले ही दृढ़ता और मेहनत के साथ संभाल रहे हैं।
May 20 2020 11:02AM, Writer:अनुष्का

लॉकडाउन के दौरान प्रशासन क्वारंटाइन रखने पर बहुत जोर दे रहा है। घर की ओर रुख कर रहे प्रवासियों को होम और संस्थागत क्वारंटाइन किया जा रहा है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकांश ग्राम प्रधानों का कहना है कि प्रशासन द्वारा क्वारंटाइन सेंटरों में सुविधा मौजूद नहीं है और व्यवस्था बहुत खराब है। वह सरकार से कई बार इस क्वारंटाइन सेंटरों में सुविधा मुहैया कराने की मांग कर चुके हैं मगर प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार का एक्शन नहीं लिया गया। ऐसे में सभी ग्राम प्रधानों की तरह हाथ पर हाथ धरे बैठना बेरीनाग के एक गांव के ग्राम प्रधान को मुनासिब नहीं था। सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की मदद न मिलने के बाद विकासखंड गंगोलीहाट के ग्राम प्रधान ने अपने गांव बुसैल के सभी क्वारंटाइन सेंटर को संभालने का निर्णय लिया। उनको सरकार से किसी भी प्रकार की मदद नहीं मिल रही है। वह अपने बलबूते पर ही अपने गांव के 4 क्वारंटाइन सेंटर संभाल रहे हैं। एक ओर जहां अधिकांश गांव के प्रधान केवल शिकायत कर रहे हैं वहीं गंगोलीहाट के ग्राम प्रधान मेहनत और लगन से बिना किसी मदद के अकेले ही गांव के 4 क्वारंटाइन सेंटर संभाल रहे हैं।

यह भी पढ़ें - शाबाश भुला..रुद्रप्रयाग के नितिन ने बनाई कोरोना टेस्टिंग किट..ICMR ने लगाई मुहर
विकासखंड गंगोलीहाट के ग्राम पंचायत बुसैल में ग्राम प्रधान मोहन सिंह मेहरा अपने गांव के 4 क्वारंटाइन सेंटर राजकीय प्राथमिक विद्यालय बुसैल, प्राथमिक विद्यालय तिमाड़ी, पंचायत भवन नैचुना और आंगनबाड़ी केंद्र नैचुना में मौजूद 35 प्रवासियों की अकेले ही देखभाल कर रहे हैं। टूटी-फूटी पड़ी बिल्डिंगस को देखकर एक बार को वह भी असमंजस में पड़ गए थे मगर उन्होंने हिम्मत जुटाई और सभी क्वारंटाइन केंद्रों के कमरे ठीक कराए, उनमें वेंटिलेशन करवाई, बिजली की व्यवस्था करवाई। इसी के साथ एक क्वारंटाइन सेंटर में पानी नहीं आता था। शौचालय की हालत भी बेहद खराब थी।
मोहन सिंह मेहरा ने प्रवासियों की सुविधा के लिए क्वारंटाइन केंद्रों की सूरत ही बदल दी। वह रोजाना तौर पर साफ-सफाई भी कराते हैं और सभी प्रवासियों के खाने का भी प्रबंध कराते हैं। मोहन सिंह बड़े सहज होकर बताते हैं कि क्वारंटाइन सेंटर में उपस्थित सभी लोग उनके परिवार जैसे हैं। ऐसे में उनकी सेवा करना मेरा फर्ज है। वहीं क्वारंटाइन केंद्रों में उपस्थित प्रवासियों का कहना है कि भले ही वह घर पर नहीं हों मगर प्रधान मोहन सिंह मेहरा ने क्वारंटाइन केंद्रों को बिल्कुल घर जैसा बना रखा है जिससे उनको घर की कमी खलती नहीं है। संयुक्त मजिस्ट्रेट डॉ. सौरभ गहरवार ने भी बुसैल गांव के प्रधान मोहन सिंह मेहरा की खूब जम कर तारीफ की। मोहन सिंह मेहरा ने एक जनप्रतिनिधि के तौर पर यह साबित कर दिया कि व्यवस्था को खुद सुधारना पड़ता है। हर समय शिकायत लेकर हाथ पर हाथ धरे बैठने से समस्या का हल नहीं निकलता है। इसलिए उन्होंने बिना सरकार की मदद के अपने बलबूते पर क्वारंटाइन केंद्रों की सूरत बदल डाली। उनकी इस पहल की आज हर कोई सराहना कर रहा है।


View More Latest Uttarakhand News
View More Trending News
  • More News...

News Home