गढ़वाल के रमेश नेगी..लॉकडाउन में छिना रोजगार, तिमले के अचार से शुरू किया अपना काम
मुंबई में रोजगार हाथ से गया तो वापस अपने गांव लौट आए उत्तराखंड के रमेश नेगी। स्वरोजगार की तरफ एक बड़ा कदम उठाया और तिमला का अचार (Ramesh Negi Timla Pickle) को रोजगार का सहारा बना कर स्वरोजगार की एक अनोखी मिसाल पेश की।
Jun 10 2020 8:37AM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
कोरोना.... इसी शब्द के आसपास हमारा जीवन आज कल घूम रहा है। किस ने सोचा था कि इस वायरस के कारण इतनी लंबी अवधि के लिए हम अपने घरों के अंदर बंद हो जाएंगे। जन जीवन तो अस्त-व्यस्त हो ही गया है ऊपर से लोगों को बेरोजगार भी बना दिया है। लॉकडाउन के कारण कई लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। उत्तराखंड के प्रवासी भी इसी कारण अपने-अपने गांव की ओर लौट रहे हैं। ऐसे में सालों से खाली पड़े गांव में अब रौनक और चहल-पहल दिख रही है। अब जरूरत है प्रवासियों द्वारा स्वरोजगार अपनाने की। गांव की ओर लौटे कई लोग अब भी रोजगार ढूंढने के लिए स्ट्रगल कर रहे हैं तो कई लोग स्वावलंबी बनने की मिसाल पेश कर रहे हैं और स्वरोजगार अपना रहे हैं। आज जिस व्यक्ति के बारे में राज्य समीक्षा आपको बताने जा रहा है उस व्यक्ति ने स्वरोजगार की एक अलग और अनोखी मिसाल पेश की है। टिहरी वापस लौटे प्रवासी ने मशहूर पहाड़ी फल तिमला को स्वरोजगार का साधन बनाया है। आइये संक्षिप्त से जानते हैं इस अनोखे स्वरोजगार के बारे में। आगे पढ़िए
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मुंबई के एक होटल में नौकरी करने वाले रमेश नेगी का भी लॉकडाउन के कारण होटल बंद हुआ और दुर्भाग्यवश उनको अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। ऐसे में वह टिहरी में स्थित अपने जरदार गांव में वापस आ गए। गांव वापस आ कर वो हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठे। मुंबई में होटल में काम करते वक्त जो स्किल्स उन्होंने सीखी थीं उसका सदुपयोग करते हुए उन्होंने स्वरोजगार का जबरदस्त आइडिया सोचा। उन्होंने तिमला का अचार बनाना शुरू किया। जी हां, वही पहाड़ी फल जिसकी सब्जी बेहद स्वादिष्ट बनती है और इसका अचार भी बनता है जो लोगों को बहुत पसंद आता है। तिमला को अंजीर भी कहा जाता है। रमेश नेगी ने इसी तिमला का अचार बनाना शुरू किया है और स्वरोजगार की तरफ एक बड़ा कदम उठाया है। वह अभी तक 300 किलो से भी अधिक तिमला जमा कर चुके हैं। रमेश नेगी का कहना है कि गांव में वापस आकर हाथ पर हाथ धरे बैठने से बेहतर है कि कुछ रचनात्मक कार्य किया जाए। इसलिए उन्होंने तिमला का अचार बनाने का मन पक्का किया है। उन्होंने यह भी कहा है कि शहरों में घुट-घुट कर जीने से अच्छा है कि गांव में सुकून भरी जिंदगी जिएं। बता दें कि बड़े-बड़े होटलों में तिमला के अचार की बहुत मांग है। ऐसे में उम्मीद है कि रमेश नेगी का तिमला का अचार बनाने वाला स्वरोजगार का यह आइडिया हिट होगा।