श्रीनगर गढ़वाल में बनेगा पहला मरीन ड्राइव, जल्द शुरु होने वाला है काम
अब आप उत्तराखंड में ही मरीन ड्राइव का मजा ले सकते हैं। मरीन ड्राइव में सैर करने के लिए अब मुंबई जाने की बिल्कुल जरूरत नहीं है क्योंकि उत्तराखंड के श्रीनगर में ही आप के लिए सरकार अब मरीन ड्राइव बनाने जा रही है.
Jun 11 2020 7:26PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
पर्यटन के क्षेत्र में उत्तराखंड ने काफी विकास किया है। अब मरीन ड्राइव का एक और ग्रैंड प्रोजेक्ट के साथ श्रीनगर बिल्कुल तैयार है। अब आप उत्तराखंड में ही मरीन ड्राइव का मजा ले सकते हैं। मरीन ड्राइव में सैर करने के लिए अब मुंबई जाने की बिल्कुल जरूरत नहीं है क्योंकि श्रीनगर में ही आप के लिए सरकार अब मरीन ड्राइव बनाने जा रही है। श्रीनगर में अलकनंदा नदी के किनारे बनने जा रहे मरीन ड्राइव के विषय में आज एक अहम बैठक की गई। जी हां, बता दें कि आज सहकारिता, उच्च शिक्षा, दुग्ध विकास एवं प्रोटोकॉल राज्य मंत्री डॉक्टर धन रावत ने विधानसभा स्थित कार्यालय में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एवं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर गढ़वाल में मरीन ड्राइव के निर्माण हेतु डीपीआर तैयार की जाएगी। डीपीआर के तैयार होते ही इस प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू हो जाएगा। आपको पता ही होगा कि अप्रैल के अंतिम हफ्ते से इस मरीन ड्राइव के निर्माण हेतु तैयारी चल रही थी। इस मरीन ड्राइव के बनने के साथ ही लोगों के लिए यह एक आकर्षक टूरिस्ट स्पॉट बनकर सामने आएगा। चलिए श्रीनगर में बनने वाले इस प्रोजेक्ट की खास बातें आपको बताते हैं।
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अलकनंदा नदी के तट पर बनाया जाने वाला यह मरीन ड्राइव 7.5 किलोमीटर लंबा होगा। इसे पंचपीपल से लेकर चौरास मोटर पुल तक बनाया जाएगा। इसकी चौड़ाई कुल 12 मीटर होगी। टू लेन में बनाए जाने वाले इस मरीन ड्राइव के प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी सौंपी गई है लोनिवि एनएच डिवीजन को। हाइटेक तकनीक का इस्तेमाल करके इस मरीन ड्राइव का निर्माण होगा। यह चौरास झूला पुल तक नदी में पिलर के ऊपर से गुजरेगा। फिलहाल इसका डीपीआर तैयार किए जाने की प्रक्रिया पर काम हो रहा है। डीपीआर तैयार होते ही आगे की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी। अब मरीन ड्राइव की सैर करने के लिए मुंबई जाने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि मरीन ड्राइव अब राज्य में ही बनने वाला है। हालांकि इस प्रोजेक्ट के लिए काफी वेट करना पड़ सकता है। इस प्रोजेक्ट के खत्म होने के साथ ही उत्तराखंड को पर्यटन के क्षेत्र में काफी मुनाफा होगा। देश विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए भी यह आकर्षण का केंद्र रहेगा यह योजना पर्यटन के लिहाज से भविष्य में काफी फायदेमंद साबित हो सकती है।