image: Story of Govind Singh Bisht of Pithoragarh

पहाड़ के इस नौजवान से कुछ सीखिए, आजादी के बाद पहली बार गांव में पहुंचा दी सड़क

एक युवक ने दृढ़ संकल्प लिया और महज कुछ ही दिनों में सभी लोगों के साथ मिलकर पक्की सड़क का निर्माण कर दिया। 5 दशकों के बाद पक्की सड़क देख कर स्थानीय निवासियों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा-
Jul 15 2020 9:06PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल

सोचिए, एक ऐसा गांव जहां आजादी के 70 सालों के बाद तक विकास नहीं पहुंचा है, आवाजाही के लिए सड़क नहीं बन पाई है, ऐसे में वहां के निवासियों को कितनी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उत्तराखंड के कई ऐसे गांव हैं जो सड़क जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित हैं। आज भी कई गांव ऐसे हैं जहां किसी के बीमार पड़ने के बाद उसको दुर्गम रास्ते से अस्पताल ले जाना पड़ता है। पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट क्षेत्र में भी एक दूरस्थ ग्राम पंचायत है, टुंडा चौड़ा। दूर-दूर तक उस गांव में विकास का नामोनिशान नहीं है। मुख्य बाजार से 18 किलोमीटर दूर गांव में लोग सड़क जैसी मूलभूत जरूरत से लंबे समय तक वंचित रहे हैं। गांव के बच्चे दुर्गम रास्तों से होकर स्कूल जाते हैं, मेडिकल इमरजेंसी में भी कड़ी मशक्कत के बाद मरीज को अस्पताल पहुंचाया जाता है। ऐसे में गांव का एक व्यक्ति उम्मीद की लहर बनकर सामने आया और देखते ही देखते गांव में लोगों ने मिलकर सड़क बना दी। आखिकार पिथौरागढ़ के टुंडा चौड़ा में सड़क आ ही गई और यह सब मुमकिन हो पाया है एक युवा की इच्छाशक्ति और मेहनत की वजह से।

यह भी पढ़ें - पहाड़ की अंतहीन पीड़ा..अस्पताल के लिए पैदल चलते चलते हुआ महिला का प्रसव
हम बात कर रहे हैं गोविंद सिंह बिष्ट की। टुंडा चौड़ा गांव के निवासी गोविंद सिंह बिष्ट काफी समय पहले शहर की तरफ नौकरी करने चले गए थे। वह बड़े से बड़े मीडिया संस्थानों में वीडियो जर्नलिस्ट रह चुके हैं। मगर गांव के लिए कुछ करने का सपना उनके भीतर था इसलिए वह 17 साल नौकरी करने के बाद अपनी माटी में वापस लौट आए। उनके मन के भीतर गांव के लिए कुछ करने का सपना था। बदलाव लाना तो खुद प्रधान के चुनाव लड़ने चाहे। सीट महिला के लिए आरक्षित हो गई तो उनकी पत्नी ने प्रधानी का चुनाव लड़ा और भारी वोटों से जीत मिली। दोनों ने गांव की सूरत संवारने के लिए जो साझा सपना देखा था, यह उसके लिए मील का पत्थर साबित हुआ। दोनों ने गांव की सूरत संवारने का बीड़ा उठाया। सबसे बड़ा मिशन था सड़क पहुंचाना। गोविंद सिंह बिष्ट ने संकल्प लिया कि गांव तक सड़क हर हाल में पहुंचानी है। प्रशासन से गुहार लगाई मगर किसी ने भी इस बात को सीरियसली नहीं लिया जिसके बाद मन में दृढ़ संकल्प लिए गोविंद सिंह बिष्ट ने अपनी पत्नी और 4 लोगों के साथ हाथ में गैंती और फावड़ा उठाया और सड़क खोदने का कार्य शुरू किया।

यह भी पढ़ें - गढ़वाल: रिटायर्ड फौजी ने दिखाया सिस्टम को आईना, लॉकडाउन में अपने गांव तक पहुंचाई सड़क
दोनों ने यह संकल्प लिया था कि गांव के अंदर पक्की सड़क लाकर रहेंगे। इसी सपने के साथ उन्होंने इस शानदार पहल की शुरुआत की। देखते ही देखते इनकी मुहिम के साथ लोग जुड़ते गए और कारवां बनता गया। ग्राम सभा इटाना, ग्राम सभा दुगई के लोग भी उनके इस संकल्प में साथ हो गए। युवा, महिलाएं, पुरुष, सब सड़क बनाने के दृढ़ संकल्प लिए इस कार्य में जुट गए। 17 दिन की कड़ी मेहनत के बाद आखिर प्रशासन भी होश में आया और कठोर पहाड़ों को काटने हेतु जेसीबी को निर्माण कार्य में लगा दिया। बीते मंगलवार को ग्राम सभा टुंडा चौक, ग्रामसभा दुगई और इटाना तक सड़क निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। 5 दशकों से अधिक इंतजार के बाद आखिर गांव में सड़क बन कर तैयार हो चुकी है। गोविंद सिंह बिष्ट ने आखिर सपना सच कर दिखाया है। उन्होंने जो ठाना वो पूरा करके दिखाया। अब आखिरकार आसपास के गांव के हजारों लोगों को आवाजाही में सुविधा रहेगी। सड़क बनने के बाद से ग्रामीणों के बीच खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। जो काम 50 साल से नहीं हो पाया वो एक युवक की इच्छाशक्ति ने आखिरकार कर दिखाया है।


View More Latest Uttarakhand News
View More Trending News
  • More News...

News Home