उत्तराखंड में अनलॉक-3 की नई गाइडलाइन जारी..इन नियमों का करना होगा पालन
प्रदेश में व्यवसायिक संस्थान, निर्माण और उद्योग से जुड़ी कंपनियां कोरोना काल में बिना रुके काम कर सकेंगी। इसके लिए विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
Aug 20 2020 12:14PM, Writer:Komal Negi
प्रदेश में कोरोना संकट के चलते थमे उद्योगों और निर्माण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए व्यवस्था में फिर से बदलाव किया गया है। बुधवार को शासन ने अनलॉक-3 की नई गाइडलाइन जारी की। नई एसओपी में व्यवसायिक संस्थानों, निर्माण और उद्योगों को विशेष राहत दी गई है। अब व्यवसायिक संस्थान, निर्माण और उद्योग से जुड़ी कंपनियां कोरोना काल में बिना रुके काम कर सकेंगी। इसके लिए विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। अनलॉक-3 की नई एसओपी के मुताबिक अब कम संख्या में कर्मियों के संक्रमित पाये जाने पर कंपनी, उद्योग या संस्थान को बंद नहीं करना होगा। उद्योग चलते रहेंगे। अगर ज्यादा कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव मिले हों तो भी परिसर को संक्रमण मुक्त करने के लिए ज्यादा से ज्यादा दो दिन के लिए बंद किया जाएगा।
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उद्योगों-कंपनियों को भी अपने स्तर पर लाइजन अफसर नियुक्त करने होंगे। लाइजन अधिकारी की जिम्मेदारी उद्योग और प्रशासन के बीच संपर्क बनाए रखना होगा। इसके अलावा प्रशासन को सूचना देने, गाइडलाइन का पालन कराने और संक्रमण रोकथाम और सुरक्षा के लिए उपाय करने की जिम्मेदारी भी लाइजन अफसर पर होगी। उद्योगों, कारखानों, निर्माण कंपनियों आदि को मास्क, सोशल डिस्टेंस आदि का पालन करना होगा। परिवहन और कर्मचारियों को लाने, ले जाने के दौरान भी दिशा निर्देश का पालन करना होगा। वर्क फ्रॉम होम और वर्चुअल मीटिंग को तवज्जो देनी होगी। थर्मल स्क्रीनिंग और दूसरे निर्देशों का पालन करना होगा। कोरोना पॉजिटिव केस मिलने पर लाइजन अधिकारी को स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ मिलकर तय करना होगा कि मामला हाई रिस्क है या फिर लो रिस्क। हाई रिस्क मामलों में 14 दिन का क्वारेंटीन और कोविड टेस्ट जरूरी है। लो रिस्क वाले मामलों में कर्मी काम पर आएंगे, लेकिन उनका नियमित हेल्थ चेकअप होगा।
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जिन कर्मचारियों को सर्दी, बुखार, खांसी, जुकाम और गले में खराश की समस्या होगी, उन्हें काम करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। हाई रिस्क कर्मियों जैसे गर्भवती महिलाओं, बीमार और बुजुर्गों के प्रति अतिरिक्त सावधानी बरती जाएगी। इसके अलावा कार्यस्थल पर हमेशा मास्क पहनकर रखना होगा। कार्यस्थल को सैनेटाइज करना अनिवार्य है। कर्मचारियों की नियमित थर्मल स्क्रीनिंग होगी। बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं होगी। आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल करना जरूरी है। परिवहन से संबंधित वाहनों को हर बार संक्रमण मुक्त करना होगा। मोबाइल-इंटरकॉम का प्रयोग नहीं किया जाएगा। कर्मचारियों को एक डेस्क से दूसरी डेस्क तक नहीं जाने दिया जाएगा। परिसर में पान मसाला, गुटका, तंबाकू का सेवन पूरी तरह से प्रतिबंधित है। एयर कंडीशन और वेंटीलेशन को लेकर राज्य सरकार के नियम मानने होंगे। उद्योगों की सुविधा के लिए सरकार ने इस एसओपी का पालन कराने के लिए जिलाधिकारियों को अधिकार दिए हैं।