image: aap to contest in uttarakhand vidhansabha chunav

उत्तराखंड- AAP के आने से रोमांचक होगा 2022 का रण, अब BJP का असली इम्तिहान

आप की रणनीति खुद को राज्य में कांग्रेस की जगह दूसरी सबसे बड़ी सियासी ताकत के रूप में पेश करने की हो सकती है।
Aug 22 2020 11:37AM, Writer:Komal Negi

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 का मुकाबला रोचक होने जा रहा है। सत्तारूढ़ बीजेपी जहां इस बार भी अपनी जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नजर आ रही है, तो वहीं कांग्रेस भी अपनी तैयारी में जुटी है। बीजेपी-कांग्रेस के अलावा एक और पार्टी है जो इस बार उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में ताल ठोकने की तैयारी कर रही है। ये पार्टी है आम आदमी पार्टी। पंजाब और गोवा के बाद उत्तराखंड तीसरा राज्य है, जहां आम आदमी पार्टी पूरी गंभीरता से चुनाव लड़ने जा रही है। पार्टी ने उत्तराखंड की सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। आप की मौजूदगी से साल 2022 का चुनावी रण दिलचस्प होने जा रहा है। आप सुप्रीमो अरविंद केजरिवाल ने कहा कि उत्तराखंड में पार्टी शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी। आप ने दिल्ली मॉडल को उत्तराखंड में धरातल पर उतारने की बात भी कही। फुल फॉर्म में नजर आ रही आप ने एक सर्वे के आधार पर दावा किया है कि राज्य की 62 फीसदी जनता चाहती है कि पार्टी उत्तराखंड में चुनाव लड़े।

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: स्पेन का दूल्हा अमेरिका की दुल्हन...गढ़वाल में हुआ शुभ विवाह
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस भी प्रदेश में खुद को सियासी ताकत के रूप में पेश करने की रणनीति पर चल रही है। उत्तराखंड का सियासी परिदृश्य देखें तो यहां बीजेपी और कांग्रेस बारी-बारी से सत्ता में आते रहे, लेकिन यूकेडी समेत कोई भी क्षेत्रीय ताकत यहां उभरकर सामने नहीं आ पाई। ना तो सपा पनपी और ना ही बसपा। पिछले कुछ सालों में बीजेपी प्रदेश की सबसे मजबूत पार्टी के तौर पर उभरी तो वहीं कांग्रेस बिखरी हुई नजर आई। साल 2014 के लोकसभा चुनाव से लेकर विधानसभा, लोकसभा और स्थानीय निकाय-सहकारिता के चुनावों में भी बीजेपी ने अपनी ताकत का अहसास कराया। कांग्रेस के कई बड़े नेता भी बीजेपी का दामन थाम चुके हैं। वहीं कांग्रेस के अंदरूनी मतभेद के चलते पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई। पंचायत और निकाय चुनाव में भी कांग्रेस बीजेपी से पिछड़ गई।

यह भी पढ़ें - गढ़वाल की इससे बुरी हालत क्या होगी? मां ने सड़क किनारे दिया बच्चे को जन्म
इन समीकरणों के बीच आम आदमी पार्टी की धमक से प्रदेश में नए सियासी समीकरण बन सकते हैं। आप की रणनीति खुद को राज्य में कांग्रेस की जगह दूसरी सबसे बड़ी सियासी ताकत के रूप में पेश करने की हो सकती है। ये भी माना जा रहा है कि दूसरी पार्टियों के कुछ बड़े चेहरे आप के प्लेटफार्म को चुन सकते हैं। उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी का अब तक का सफर कैसा रहा, ये भी जान लें। साल 2014 में आप ने लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी पांचों सीटों पर उम्मीदवार उतारे, लेकिन निराशा हाथ लगी। अब आम आदमी पार्टी ने साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मुद्दे पर सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। ये बात और है कि आम आदमी पार्टी को ना तो बीजेपी सीरियसली ले रही है और ना ही कांग्रेस। राज्य सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक कहते हैं दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है, लेकिन वहां का हाल सभी देख रहे हैं। राज्य में सिर्फ नारों से विकास नहीं होता। वहीं कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना कहते हैं कि उत्तराखंड में आप के लिए कोई गुंजाइश नहीं। यहां तो सीधी लड़ाई कांग्रेस और बीजेपी के बीच है। बीजेपी-कांग्रेस से इतर आम आदमी पार्टी के मीडिया समन्वयक अमित रावत का कहना है कि राज्य की जनता विकल्प के रूप में आप को देख रही है। उत्तराखंड के लोगों को दिल्ली के विकास का मॉडल खूब भा रहा है। यहां पंचायत स्तर पर मोहल्ला क्लीनिक खुलने चाहिए। सरकारी स्कूलों को भी दिल्ली की तर्ज पर दुरुस्त करना होगा। कुल मिलाकर आप की मौजूदगी से साल 2022 के विधानसभा का चुनावी रण दिलचस्प होने वाला है।


View More Latest Uttarakhand News
View More Trending News
  • More News...

News Home