उत्तराखंड: मरीज की मौत के बाद बवाल, 50 हजार के जुर्माने के साथ फर्जी क्लीनिक सील
इन दिनों सरकारी-निजी अस्पताल कोविड-19 मरीजों से भरे हैं, ऐसे में बीमार लोग भला कहां जाएं? आगे पढ़िए पूरी खबर
Sep 15 2020 7:14PM, Writer:Komal Negi
कोरोना काल में सब के धंधे मंदे पड़ गए, लेकिन एक धंधा है जो तेजी से चमक रहा है। ये धंधा है सेहत का। जी हां कोरोना संकट के दौर में क्लीनिक वाले चांदी काट रहे हैं। सरकारी-निजी अस्पताल कोविड-19 मरीजों से भरे हैं, ऐसे में बीमार लोग भला कहां जाएं? इनका इलाज गली-मोहल्लों में खुले फर्जी क्लीनिक और उनमें बैठे झोलाछाप डॉक्टर कर रहे हैं। ऊधमसिंहनगर जिले के रुद्रपुर में भी यही हो रहा था। यहां स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक फर्जी क्लीनिक को सील कर दिया। क्लीनिक के संचालक पर 50 हजार का जुर्माना लगाया गया है। उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा।
यह भी पढ़ें - आज से देहरादून में प्रवेश से पहले होगा कोरोना टेस्ट, खर्च भी आपको ही देना होगा
मामला ट्रांजिट कैंप क्षेत्र का है। पिछले दिनों यहां गोल मड़ैया के पास स्थित प्रताप हॉस्पिटल में इलाज कराने आए एक मरीज की मौत हो गई थी। घटना के बाद मृतक के परिजनों ने क्लीनिक पर गलत इलाज का आरोप लगाते हुए स्वास्थ्य विभाग से शिकायत की। शिकायत मिलने के बाद विभाग की टीम क्लीनिक पर पहुंची तो वहां कई अव्यवस्थाएं मिलीं। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने क्लीनिक को सील कर दिया। एसीएमओ ने बताया कि फर्जी क्लीनिक का संचालन करने वाला शख्स पहले भी जेल जा चुका है। प्रताप हॉस्पिटल का संचालन भानु प्रताप नाम का शख्स करता है।
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड में 21 सितंबर से नहीं खुलेंगे स्कूल, शिक्षा मंत्री ने खत्म किया कन्फ्यूजन
सोमवार को एसडीएम विशाल मिश्रा, एसीएमओ डॉ. हरेंद्र मलिक और पीसीपीएनडीटी एक्ट प्रभारी प्रदीप महर ने क्लीनिक में छापेमारी की। इस दौरान पता चला कि क्लीनिक बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहा था। हालनुमा कमरे में चल रहे क्लीनिक में दवाओं के साथ ही ऑपरेशन थियेटर और पैथोलॉजी लैब भी मिली। जहां मरीजों की सर्जरी की जाती थी। जब टीम मौके पर पहुंची तो क्लीनिक के बगल में स्थित मेडिकल स्टोर से ओनर और फार्मासिस्ट भी गायब मिले। एक अनट्रेंड आदमी काउंटर पर दवाएं बेच रहा था। फर्जी तरीके से चल रहे क्लीनिक पर चिकित्सा और प्रशासनिक टीम ने ताला जड़ कर सील मोहर लगा दी। क्लीनिक चलाने वाले आदमी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। आरोपी के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा।