पहाड़ से दुखद खबर..घास काटने गई 11 साल की बच्ची को गुलदार ने मार डाला..गांव में मातम
बच्ची की मौत के बाद गांव में मातम पसरा है। लोग दुखी भी हैं और आक्रोशित भी। ग्रामीणों ने कहा कि आदमखोर गुलदार पहले भी दो लोगों को अपना निवाला बना चुका है
Sep 25 2020 8:42PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में आदमखोर गुलदार दहशत का सबब बने हुए हैं। कभी सिर्फ जंगलों तक सीमित रहने वाले वाले गुलदार अब इंसानी बस्तियों में दाखिल हो रहे हैं। मासूमों को अपना निवाला बना रहे हैं। गुलदार के हमले की ताजा घटना पिथौरागढ़ में देखने को मिली। जहां गुलदार ने घास लेकर घर वापस लौट रही बच्ची पर हमला कर उसे मार डाला। मरने वाली बच्ची का नाम करिश्मा था। वो सिर्फ 11 साल की थी। बच्ची की मौत के बाद गांव में कोहराम मचा है। ग्रामीणों में वन विभाग को लेकर भी गुस्सा है। उन्होंने गुलदार को नरभक्षी घोषित कर उसे मौत के घाट उतारने की मांग की। जिले के चंडाक क्षेत्र में एक गांव है छाना। 11 साल की करिश्मा इसी गांव में रहती थी। दूसरी पहाड़ी बच्चियों की तरह करिश्मा भी घर के कामों में परिजनों का हाथ बंटाती थी। शुक्रवार को भी करिश्मा घास लेने के लिए खेत में गई थी, लेकिन किसे पता था कि अब वो कभी जिंदा वापस नहीं लौटेगी। घास काटने के बाद करिश्मा घर की तरफ आ रही थी कि तभी झाड़ियों में घात लगाए बैठा गुलदार उस पर टूट पड़ा और जंगल की ओर खींच कर ले जाने लगा। आगे पढ़िए
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गुलदार को देख आस-पास मौजूद महिलाओं ने शोर मचा दिया। जिसके बाद गुलदार करिश्मा को वहीं पर छोड़ कर जंगल की तरफ भाग निकला, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। मासूम करिश्मा की सांसें थम गई थीं। गुलदार के हमले में घायल बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई। बच्ची की मौत के बाद गांव में मातम पसरा है। लोग दुखी भी हैं और आक्रोशित भी। स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे पहले भी गुलदार 2 लोगों को अपना निवाला बना चुका है, लेकिन आदमखोर को पकड़ने के लिए अब तक कोई कदम नहीं उठाए गए। वन विभाग ने अगर समय रहते गांव में आदमखोर को पकड़ने के इंतजाम किए होते तो शायद गुलदार पहले ही पकड़ा जाता। तब करिश्मा की जान बच जाती। गुलदार की दहशत के चलते लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे। ग्रामीणों ने वन विभाग से गुलदार को आदमखोर घोषित कर उसे मारने की मांग की।