उत्तराखंड: बेटी को गुलदार से बचाने के लिए शेरनी बनी मां, पीट-पीटकर मार भगाया
हल्द्वानी में बीते सोमवार को एक मां ने हिम्मत का उत्कृष्ट प्रदर्शन कर अपनी बेटी के साथ मिलकर दूसरी बेटी को गुलदार के चंगुल से छुड़ाने के लिए गुलदार से खतरा मोल ले लिया और उससे जा भिड़ी।
Oct 6 2020 1:50PM, Writer:Komal Negi
कहते हैं अगर जरूरत पड़े तो एक मां अपने बच्चों के लिए मृत्यु से भी बेखौफ लड़ जाती है। उत्तराखंड में आज इस बात का साक्षात उदाहरण देखने को मिला है। एक मां ने हिम्मत का प्रदर्शन कर अपनी बेटी के साथ मिलकर दूसरी बेटी को गुलदार के चंगुल से छुड़ाने के लिए वह गुलदार से जा भिड़ी और अपनी बेटी को मौत के मुंह से सही सलामत वापस लाई। यह घटना हल्द्वानी जिले की है। हल्द्वानी के ग्राम सभा गुजरौड़ा के गांव नवाड़ सैलानी की निवासी सरस्वती अपनी बेटी पिंकी और अपनी छोटी बेटी सुनीता को लेकर बीते सोमवार को जंगल में घास लेने गई थी। पत्ते काटने के लिए सरस्वती पेड़ पर चढ़ गई और उसकी दोनों बेटियां नीचे पत्ते समेटने के लिए खड़ी थीं। तभी वहां पर घात लगाए बैठे गुलदार ने अचानक ही मौका देखकर सरस्वती की बड़ी बेटी पिंकी के ऊपर जानलेवा हमला बोल दिया और उसे दबोच लिया। यह देखकर सरस्वती और उसकी छोटी बेटी सुनीता के होश उड़ गए। सरस्वती तुरंत ही पेड़ से नीचे कूदी और अपनी बेटी को बचाने के लिए सरस्वती और उसकी छोटी बेटी गुलदार से जा भिड़े और दोनों मां बेटी ने पत्थर मारकर किशोरी को तेंदुए के चंगुल से छुड़ा लिया।
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मां-बेटी की हिम्मत के आगे गुलदार टिक नहीं पाया और पिंकी को छोड़कर वह जंगलों की तरफ भाग गया। वहीं घटना के बाद से गांव वालों के बीच में बेहद हड़कंप मचा हुआ है और इस बारे में वन विभाग को उसी समय सूचित किया गया। वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर घायल किशोरी को बेस अस्पताल में भर्ती कराया है जहां उसका इलाज चल रहा है। सरस्वती का कहना है कि जैसे ही गुलदार ने उसकी बेटी के ऊपर हमला किया वह तुरंत ही नीचे कूद गई और उन्होंने गुलदार के ऊपर पत्थर बरसाने शुरू किए जिससे गुलदार डर गया और उसने उसकी बेटी को छोड़ दिया। वहीं सरस्वती ने बताया कि जब अपनी बेटी को अपनी पीठ पर लादकर लाने लगी तो तेंदुए ने घर पर उनके ऊपर एक बार फिर हमला किया। इस बार उन्होंने तेंदुए को फिर से पत्थरों से मारकर वहां से भगा दिया। बता दें कि सरस्वती के पति लुधियाना के एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं और उनकी बड़ी बेटी पिंकी राजकीय इंटर कॉलेज में कक्षा 10 की छात्रा है।
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सभी ग्रामीण सरस्वती की हिम्मत की बेहद तारीफ कर रहे हैं। अपनी बच्ची को बचाने के लिए वह मौत से जा भिड़ी और हिम्मत का प्रदर्शन कर अपने बेटी को मौत के चंगुल से छुड़ाकर वापस ले आई। इसी के साथ ग्राम सभा गुजरौड़ा के प्रधान ऋतु जोशी का कहना है कि वन विभाग को कई बार गुलदार के हमले की शिकायत की है मगर वन विभाग गुलदार को पकड़ने के लिए किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं करता है। उन्होंने बताया कि पिछले 2 महीने में अब तक तेंदुए ने उनके गांव में यह पांचवीं बार हमला किया है। वहीं वन क्षेत्राधिकारी केआर आर्या के मुताबिक तेंदुए को पकड़ने के लिए पहले एक पिंजरा लगाया गया था। अब क्योंकि तेंदुए की आवाजाही गांव में अधिक बढ़ गई है इसलिए अब दो और अधिक पिंजरे लगाए जाएंगे। इसी के साथ तेंदुए को ट्रैप करने के लिए कैमरे भी लगाए जाएंगे। वही किशोरी को मुआवजा देने की भी कार्यवाही की जा रही है और वन विभाग की टीम लगातार गांव में रात में गश्त कर रही है।