गढ़वाल: सफल हुई टेस्टिंग..नवंबर से कीजिए भारत के सबसे लंबे सस्पेंशन ब्रिज पर सफर
तैयार हो जाइए देश के सबसे लंबे पुल पर सफर करने के लिए। टिहरी के डोबरा-चांठी पुल की फाइनल लोड टेस्टिंग आखिरकार सक्सेसफुल हो चुकी है और नवंबर से पुल के ऊपर वाहन दौड़ते नजर आने लगेंगे
Oct 6 2020 4:54PM, Writer:Komal Negi
टिहरी जिले से एक बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है। भारत का सबसे लंबा पुल आवजाही के लिए जल्द ही खुलने वाला है। 14 साल के लंबे इंतजार के ऊपर आखिरकार पूर्ण विराम लग चुका है। जिस पुल का प्रतापनगर के निवासी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं उस पुल की फाइनल लोड टेस्टिंग सक्सेसफुल हो चुकी है। जी हां, हम बात कर रहे हैं भारत के सबसे बड़े पुल डोबरा-चांठी की। बीता सोमवार टिहरी जिले के लिए एक बेहद खास साबित हुआ। हाल ही में टिहरी जिले में डोबरा-चांठी पुल की फाइनल लोड टेस्टिंग हुई और परिणाम यह आया कि लोड टेस्टिंग अब पूरी तरह सफल हो चुकी है। जी हां, है ना यह अच्छी खबर? इसका मतलब है अब नवंबर से पुल के ऊपर गाड़ियों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। बता दें कि डोबरा-चांठी पुल के फाइनल लोड टेस्टिंग सफल होने के बाद मशीनों को हटाने का काम अब शुरू कर दिया गया है और पुल की अप्रोच रोड का काम भी अक्टूबर के अंत तक पूरा होने की पूरी-पूरी उम्मीद है। इसके बाद नवंबर से पुल के ऊपर आवागमन शुरू कर दिया जाएगा।
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बीते 22 सितंबर से सस्पेंशन ब्रिज के फाइनल लोड टेस्टिंग की प्रक्रिया शुरू हो गई थी और खास दक्षिण कोरियाई इंजीनियर जैकी किम और उनकी पूरी टीम को पुल की फाइनल लोड टेस्टिंग के लिए भारत बुलाया था। बीते रविवार को सुबह 7 बजे पुल की लोड टेस्टिंग शुरू हुई और पुल के दोनों टावरों के ऊपर 14 भारी लोडेड ट्रक रखे गए। इस दौरान यह पता लगाकर पुल के दोनों टावरों पर पड़ रहे दबाव के कारण पुल के दोनों टावरों के ऊपर 5 सेंटीमीटर का झुकाव आ गया है। प्रोजेक्ट इंजीनियर एसएस मखलोगा के अनुसार 10 सेंटीमीटर तक का झुकाव सामान्य है। उसके बाद सोमवार को टावर की रीडिंग ली गई तो पुल अपनी पुरानी स्थिति में वापस आ गया था जिसके बाद लोनोवि विभाग ने राहत की सांस ली है। पुल की लोड टेस्टिंग सफल होने के बाद टिहरी जिले के लोगों के बीच में भी खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। महज कुछ ही दिनों के बाद पुल के ऊपर आम वाहनों की आवाजाही का सिलसिला शुरू हो जाएगा।
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बीते सोमवार को पुल टेस्टिंग की रिपोर्ट आई है जिसमें सब कुछ सामान्य है। पुल झुकाव के बाद अपनी पुरानी स्थिति में वापस आ चुका है। जिसके बाद पुल के संचालन के ऊपर मुहर लगा दी गई है। वहीं कंपनियों ने अपनी मशीनें और सामान हटाने का काम भी शुरू कर दिया है। हालांकि अभी 5 साल तक पुल के मेंटेनेंस का काम निर्माण करने वाली कंपनी ही देखेगी और कुछ कर्मचारी डोबरा-चांठी में हमेशा तैनात रहेंगे। लोनिवि के प्रोजेक्ट इंजीनियर एसएस मखलोगा के अनुसार पुल की फाइनल लोड टेस्टिंग सफल हो चुकी है। नवंबर से वाहनों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। अक्टूबर के अंत तक अप्रोच रोड का काम भी खत्म हो जाएगा। इसी के साथ पुल के ऊपर लगी मशीनों को हटाने का कार्य भी किया जा रहा है। वहीं दक्षिण कोरिया इंजीनियर जैकी किम जो कि 22 सितंबर से लोड टेस्टिंग के लिए उत्तराखंड आए थे, अब फाइनल लोड टेस्टिंग सक्सेसफुल होने के बाद वापस अपने देश लौट रहे हैं।