image: Gods worship for 6 months in Badrinath Dham

अब बदरीनाथ में 6 महीने तक देवता करेंगे पूजा, नारद मुनि होंगे मुख्य पुजारी..जानिए अद्भुत मान्यता

चमोली में बदरीनाथ धाम के कपाट आज पूरे रीति-रिवाज और विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए हैं। अब अगले 6 महीने भगवान बदरीनाथ की पूजा इंसान नहीं स्वयं देवताओं द्वारा की जाएगी
Nov 19 2020 9:40PM, Writer:Komal Negi

शीतकाल के आगमन के साथ ही अब सभी धामों के कपाट बंद हो गए हैं। बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के बाद अब बदरीनाथ धाम के कपाट भी पूरे रीति-रिवाज और विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए हैं। धाम के कपाट बंद होने के समय तकरीबन 5 हजार श्रद्धालु वहां पर मौजूद रहे और उन्होंने बाबा बद्री विशाल के दर्शन किए। शीतकाल के लिए अब चारों धामों की यात्राओं का समापन भी हो गया है। गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ के कपाट बंद होने के बाद आज दोपहर में बदरीनाथ धाम के कपाट भी बंद हो गए हैं। कपाट बंद होने की प्रक्रिया कुल 2 घंटे चली। आज दोपहर 1:30 बजे से केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हुई और दोपहर 3:30 बजे तक मंदिर के कपाट पूरे विधि विधान के साथ बंद कर दिए गए। अब अगले 6 महीने तक भगवान बदरीनाथ की पूजा इंसान नहीं बल्कि देवता स्वयं करेंगे। जी हां, ऐसी मान्यता है कि भगवान बद्री विशाल की 6 महीने पूजा का अधिकार मनुष्य का होता है और 6 महीने पूजा का अधिकार देवताओं का होता है। पुराणों में भी इस बात का वर्णन है कि बदरीनाथ में शीतकाल में बाबा बद्री विशाल की देवताओं द्वारा पूजा की जाती है। मान्यता यह भी है कि शीतकाल में जब बदरीनाथ के कपाट बंद हो जाते हैं तब नारद मुनि धाम के मुख्य पुजारी बन जाते हैं और नारद मुनि भगवान ही प्रतिदिन मां लक्ष्मी और भगवान बदरीनाथ की पूजा एवं अर्चना करते हैं।

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड में छठ पूजा के लिए गाइडलाइन जारी..नदियों-नहरों किनारे आयोजनों पर रोक
बदरीनाथ के कपाट बंद होने के साथ ही चार धाम यात्रा का भी समापन हो चुका है। कपाट बंद होने के दौरान थाम के अंदर तकरीबन 5 हजार श्रद्धालु मौजूद रहे और उन्होंने कपाट बंद होने से पहले बद्री विशाल के जयकारे लगाए जिससे वहां का वातावरण भक्तिमय हो गया। दोपहर 1:30 बजे से लेकर 3:30 बजे के बीच मंदिर के कपाट पूरी विधि विधान और पूजा अर्चना के साथ बंद कर दिए गए। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया के दौरान मां लक्ष्मी मंदिर में कड़ाई भोग का भी आयोजन किया गया। इस भोग को लक्ष्मी माता को भी लगाया गया और श्रद्धालुओं के बीच भी यह भोग वितरित हुआ। इस सीजन में बदरीनाथ की यात्रा में कुल 1 लाख 38 हजार श्रद्धालु पहुंचे और उन्होंने भगवान बद्री विशाल जी के दर्शन किए। आज कपाट बंद होने के मौके पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोरोना के बीच चार धाम यात्रा की सफल संचालन पर देश और विदेश के तमाम श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं।


View More Latest Uttarakhand News
View More Trending News
  • More News...

News Home