image: Indira Hridayesh Harish Rawat controversy

उत्तराखंड: इंदिरा हृदयेश ने हरीश रावत के लिए कही ऐसी बात..हाईकमान तक होगा असर

नेता प्रतिपक्ष ने तंज कसते हुए कहा कि साल 2017 के चुनाव में बतौर मुख्यमंत्री हरीश रावत ही चेहरा थे, लेकिन वो खुद दो सीटों पर चुनाव हार गए। पार्टी को सिर्फ 11 सीटें मिलीं।
Jan 14 2021 5:56PM, Writer:Komal Negi

साल 2022 के चुनावी रण से पहले ‘सेनापति’ और ‘मुख्यमंत्री’ को लेकर कांग्रेस की अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है। पार्टी हाईकमान के आदेश पर कुछ दिन पहले कांग्रेस ने सामूहिक नेतृत्व संग चुनाव मैदान में उतरने की बात कही थी, जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सवाल उठाए हैं। हरीश रावत चाहते हैं कि चुनाव के लिए पार्टी हाईकमान कोई चेहरा घोषित करे। वहीं हरदा के अपनी बात कहने भर की देरी थी कि, उनके विरोधी सारे गढ़े मुर्दे उखाड़ लाए। अब कांग्रेस की दिग्गज नेत्री और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने भी हरीश रावत पर पलटवार किया है। डॉ. इंदिरा हृदयेश ने तंज कसते हुए कहा कि साल 2017 के चुनाव में बतौर मुख्यमंत्री हरीश रावत ही चेहरा थे, लेकिन वो खुद दो सीटों पर चुनाव हार गए। पार्टी को सिर्फ 11 सीटें मिलीं। बता दें कि पिछले दिनों कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का रुख साफ करते हुए कहा था कि पार्टी सामूहिक ताकत से चुनाव लड़ेगी। दरअसल किसी एक नेता को मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित ना कर के पार्टी आपसी कलह को टालना चाहती थी, लेकिन सारी कोशिशें बेकार रहीं। आगे पढ़िए

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सोमवार सुबह पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हाईकमान से मांग करते हुए कहा कि वर्ष 2022 के चुनावी रण का सेनापति घोषित कर दिया जाना चाहिए। साथ ही यह भी साफ कर देना चाहिए कि वही व्यक्ति आगे सीएम बनेगा। अब अपनी स्पष्ट राय को लेकर हरदा एक बार फिर विरोधियों के निशाने पर आ गए हैं। नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने भी उन पर तंज कसा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि किसे चेहरा बनाना है या नहीं ये काम हाईकमान का है। हरीश रावत चाहें तो खुद को पार्टी हाईकमान से आगामी विधानसभा चुनाव के लिए चेहरा घोषित करा दें। हरीश रावत ब्लॉक प्रमुख से लेकर मुख्यमंत्री तक रह चुके हैं। पार्टी ने उन्हें बहुत कुछ दिया है। पिछले विधानसभा चुनाव में दो सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला भी उनका था, हालांकि वह खुद इस के पक्ष में नहीं थीं। हरीश रावत की वजह से पार्टी को एक के बजाय दो सीटों का नुकसान हुआ। वो जीतते तो पार्टी 13 सीटें जीत जाती। वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने का हरीश रावत का सुझाव निजी है। इसका पार्टी से लेना-देना नहीं है। पार्टी आगामी चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़ने के पक्ष में है।


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