उत्तराखंड: हाईटेक सड़क से जुड़ेंगे चमोली-पिथौरागढ़..72 किलोमीटर की दूरी होगी कम
केंद्र सरकार ने सुमना से टोपीढुंगी तक 72 किमी सड़क के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस रोड के बन जाने से मलारी से मिलम पहुंचने में सिर्फ तीन दिन लगेंगे, अभी इसमें 7 दिन लगते हैं।
Jan 31 2021 7:29PM, Writer:Komal Negi
केंद्र सरकार की मदद से पहाड़ के सीमावर्ती इलाकों में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। यहां आधारभूत सुविधाएं बढ़ाई जा रही है। सीमांत इलाकों में बड़ी सड़क परियोजना का काम चल रहा है। इसी कड़ी में एक और अच्छी खबर आई है। सीमांत जिले चमोली से पिथौरागढ़ की राह आसान होने वाली है। मलारी-मिलम ट्रैक को जल्द ही सड़क में तब्दील किया जाएगा। ये ट्रैक चमोली और पिथौरागढ़ जिले को आपस में जोड़ता है। यहां चमोली जिले के सुमना से पिथौरागढ़ जिले के टोपीढुंगी तक रोड बनाई जाएगी। केंद्र सरकार ने सुमना से टोपीढुंगी तक 72 किमी सड़क के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस रोड के बन जाने से मलारी से मिलम पहुंचने में सिर्फ तीन दिन लगेंगे।
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सामरिक दृष्टि से भी ये सड़क महत्वपूर्ण है। क्योंकि पिथौरागढ़ और चमोली जिले की सीमाएं चीन से सटी हैं। मलारी-मिलम ट्रैक की जिम्मेदारी पहले केंद्रीय लोनिवि के पास थी। अब केंद्र ने इस ट्रैक को सड़क बनाने की मंजूरी दे दी है। जिसका काम सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को दिया गया है। रोड के बनने से फायदा क्या होगा, ये भी बताते हैं। इससे चमोली से पिथौरागढ़ का सफर आसान होगा। पर्यटन संबंधी गतिविधियां बढ़ेंगी। अभी तक ट्रैकरों को मलारी से मिलम तक जाने में सात दिन का समय लगता है। सड़क के बनने से मात्र तीन दिनों में मलारी से पिथौरागढ़ के मिलम तक पहुंचा जा सकेगा। गलवान में चीन के धोखे के बाद केंद्र सरकार चीन सीमा क्षेत्र में सड़कों के निर्माण पर जोर दे रही है।
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चमोली जिले में चीन सीमा क्षेत्र के करीब बसे नीती और माणा क्षेत्र में सड़कों को डबल लेन किया जा रहा है। अब मलारी-मिलम ट्रैकिंग रूट को सड़क में तब्दील किया जाएगा। यहां 72 किमी लंबी रोड बनाई जाएगी। जिससे बॉर्डर पर सेना की पहुंच आसान होगी। मलारी के सुमना से मिलम के टोपीढुंगा तक सड़क तैयार की जानी है। अभी सड़क से गोपेश्वर से पिथौरागढ़ जाने के लिए 300 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। नई सड़क बनने से यह दूरी करीब दो सौ किलोमीटर रह जाएगी। फरवरी के बाद सड़क निर्माण कार्य शुरू हो सकता है।