image: Wedding in favor of kisan andolan in Kashipur

उत्तराखंड में एक विवाह ऐसा भी..किसानों की कामयाबी के लिए ट्रैक्टर पर चढ़े दूल्हा दुल्हन

फूलों से सजाया हुआ ट्रैक्टर, स्टेरिंग को थामे हुए दूल्हा और बगल में बैठी हुई सजी-धजी दुल्हन और उनके पीछे किसान आंदोलन के समर्थन में झंडे
Jan 31 2021 6:42PM, Writer:Komal Negi

किसान आंदोलन का असर उत्तराखंड में साफ तौर पर देखा जा सकता है। अब केवल सड़कों पर ही किसान आंदोलन नहीं हो रहा है बल्कि अधिकांश किसानों के घर-घर में प्रतिरोध की आवाज गूंज रही है। किसानों का समर्थन देने कई लोग अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं। सड़कों से उठ कर प्रतिरोध की आग अब घरों में भी फैल रही है। उत्तराखंड में भी किसान आंदोलन के समर्थन में कई किसान परिवार सामने आए हैं। इसी बीच उत्तरकाशी में एक ऐसी शादी हुई है जिसने सबका ध्यान आकर्षित किया है। अमूमन बारात में ढोल-नगाड़े और आतिशबाजी के साथ ही हर्षोल्लास का माहौल होता है। मगर उत्तराखंड में एक ऐसी अनोखी बारात निकली जिसको देख कर सब हैरान रह गए। फूलों से सजाया हुआ ट्रैक्टर, स्टेरिंग को थामे हुए दूल्हा और बगल में बैठी हुई सजी-धजी दुल्हन और उनके पीछे किसान आंदोलन के समर्थन में झंडे लेकर चलते बाराती और किसानों के कामयाबी की दुआएं करती हुई महिलाएं। यह नजारा जिसने भी देखा, वह हैरान रह गया। यह नजारा किसी रैली का नहीं बल्कि काशीपुर के सिवलजीत और बाजपुर की संदीप कौर की बारात का था। जी हां, दोनों ने अपने जीवन के इस अनमोल पल को किसान आंदोलन को समर्पित कर हमेशा-हमेशा के लिए अमर कर दिया और यादगार बना दिया।

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बीते शनिवार को एक दूजे के हुए सिवलजीत और संदीप कौर दोनों ही किसान परिवार से नाता रखते हैं। ऐसे में उन्होंने किसानों की तकलीफ को देखते हुए अपनी शादी भी किसान आंदोलन के नाम की और उनकी बारात ट्रैक्टर में निकली जहां पर किसान आंदोलन के समर्थन में नारे लगाए गए। नवदंपति का कहना है कि वे दोनों किसान परिवार से नाता रखते हैं और सड़क पर आंदोलन कर रहे किसानों से सहानुभूति पर रखते हैं। ऐसे में उन्होंने यह निर्णय लिया कि उनके जीवन का सबसे अनमोल एवं यादगार पल किसान आंदोलन को समर्पित रहेगा। यही वजह थी कि अपनी शादी को उन्होंने किसानों के आंदोलन के समर्थन का एक माध्यम बनाने का प्रयास किया। ढोल-नगाड़ों की जगह किसानों के हक के नारों ने ली और यह अनोखा विवाह कुछ अलग ही अंदाज में संपन्न हुआ। बता दें कि बाजपुर के निवासी तरसेम सिंह की बेटी संदीप कौर की शादी काशीपुर के निवासी सर सिवलजीत सिंह से तय हुई थी। बीते शनिवार को शादी हुई और बारात ट्रैक्टर में काशीपुर से बाजपुर पहुंची। सिवलजीत की बारात को देखकर हर कोई चौंक गया। सिविलजीत ट्रैक्टर पर सवार था और उसके आसपास चल रहे कुछ बाराती किसान आंदोलन के समर्थन में झंडे हाथ में लिए हुए थे।

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बारात संदीप कौर के घर पहुंची और वहां पर वधू पक्ष ने भी बारातियों का स्वागत हर्षोल्लास के साथ किया और आंदोलन को पूरा समर्थन दिया। शादी संपन्न होने के बाद बारात विदा हुई और सबलजीत ने ट्रैक्टर की स्टेरिंग फिर से थाम ली और दुल्हन संदीप कौर उसके बगल में जा बैठी। और फिर से किसानों के समर्थन में नारे और उनकी जीत की दुआ करती औरतों के साथ यह ट्रैक्टर वाली बारात वापस काशीपुर के लिए निकल पड़ी। नव दंपति का किसान के समर्थन में अपनी जिंदगी के सबसे अनोखे मौके को समर्पित कर देना चर्चा का विषय बना हुआ है और सभी लोग इसकी बेहद तारीफ कर रहे हैं। सिवलजीत का कहना है कि वह खुद एक किसान परिवार से नाता रखते हैं और इसलिए वे जानते हैं कि किसान कितनी कड़ी मेहनत के बाद सब के लिए अन्न उगाता है। उनका कहना है कि देश भर के किसान कई महीनों से किसान बिल के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं लेकिन उनके कोई भी सुनवाई नहीं कर रहा है। ऐसे में उन्होंने और उनके परिवार ने शादी के दौरान आंदोलन के समर्थन में ट्रैक्टर पर बारात ले जाने का तय किया।


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