चमोली आपदा: 1 हफ्ते से बेटे को ढूंढ रही है बेसुध मां..भाई के इंतजार में पथरा गई बहन की आंखें
तपोवन जिले के अभिषेक पंत की मां पीतांबरी देवी आपदा के बाद से लापता हुए उनके बेटे का लगातार इंतजार कर रही हैं। तब से ही वे बेहोशी की हालत में हैं।
Feb 15 2021 8:10PM, Writer:Komal Negi
आज चमोली आपदा को पूरा एक हफ्ता बीत चुका है और इस पूरे 1 हफ्ते में उत्तराखंड के ऊपर मुसीबतों का अंबार टूट पड़ा है। किसी ने भी नहीं सोचा था कि उत्तराखंड में ऐसी आपदा आएगी जो पूरे प्रदेश के लोगों की नींद उड़ा देगी। कितने घर ऐसे हैं जिन के चिराग बुझ चुके हैं। कितने ही बेकसूर लोग जल प्रवाह में बह गए हैं और उनका अभी तक सुराग नहीं लग पाया है। कई परिवार ऐसे हैं जिनके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। यह पीड़ा असहनीय है और हम यह अंदाजा भी नहीं लगा सकते कि आखिर आपदा में लापता हुए लोगों के परिजनों के ऊपर इस समय क्या बीत रही होगी। लापता लोगों के परिजन बीते 1 हफ्ते से उनका इंतजार कर रहे हैं । उनकी आंखों में उम्मीद है कि लापता हुए उनके परिवार वाले वापस आएंगे। इन्हीं में से एक हैं पितांबरी देवी जो कि बीते 1 हफ्ते से अपने बेटे का इंतजार कर रही हैं। तपोवन जिले के अभिषेक पंत का अभी तक कुछ पता नहीं लग पाया है। उन्हीं की मां पीतांबरी देवी अपने बेटे का लगातार इंतजार कर रही हैं। तब से ही वह बेहोशी की हालत में हैं।
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नीति घाटी में जल प्रलय आने के बाद तपोवन जल विद्युत परियोजना में बतौर इंजीनियर काम करने वाला अभिषेक पंत टनल के अंदर ही रह गया था और तबसे उनका कोई सुराग नहीं मिल सका है। तब से ही उनकी मां पीतांबरी देवी बेहोशी की हालत में हैं। वे उम्मीद आंखों में लिए अपने बेटे की राह ताक रही हैं। उनको उम्मीद है कि उनका बेटा जरूर लौटकर आएगा। अभिषेक पंत तपोवन के निवासी थे और वे तपोवन से बीटेक करने के बाद 3 साल तक वे तपोवन परियोजना में बतौर इंजीनियर काम कर रहे थे। आपदा के दिन अभिषेक पंत अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने ढाक गांव जाने के लिए निकलने वाले थे लेकिन तभी अचानक सुबह 9:30 बजे ही उनको परियोजना साइट से फोन आया। वे अपने दोस्तों को 5 मिनट में लौट कर आने की बात कहकर वहां से चले गए। उन्होंने दोस्तों को कहा कि वे 5 मिनट में आ रहे हैं और उसके बाद वे सभी क्रिकेट खेलने चलेंगे। आपको बता दें कि परियोजना साइट में सुरंग की बिजली लाइन में थोड़ा फॉल्ट आ गया था जिसको सुधारने के लिए अभिषेक पंत को थोड़ी देर के लिए साइट पर बुलाया गया मगर उनको यह अंदाजा भी नहीं था कि जिस जगह वह जा रहे हैं वहां कुछ ही देर बाद सब तबाह होने वाला है।
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अभिषेक फॉल्ट ढूंढने निकले और उसके थोड़ी देर के बाद ही ग्लेशियर टूट गया और ग्लेशियर के टूटने के बाद ही से गंगा नदी में उफान आ गया और अभिषेक उस जल प्रलय में बह गए। जिस टनल में वे मौजूद थे वो पूरी टनल मलबे से पट गई और तब से अभिषेक लापता हो रखे हैं। उनके लापता होने के बाद से ही उनके परिवार के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। अभिषेक पंत की अप्रैल में सगाई होनी थी मगर वर्तमान में अभिषेक पंत का कोई भी सुराग नहीं मिल पाया है। अभिषेक की मां अपने जिगर के टुकड़े के आने का इंतजार कर रही हैं। परिवार के अन्य सदस्यों के चेहरों पर समय बीतने के साथ ही ना उम्मीद की रेखाएं भी गहराने लगी हैं। मगर वे फिर भी उनकी मां पीतांबरी देवी को बेटे के सकुशल लौटने का आश्वासन देते हुए उनका मनोबल बढ़ा रहे हैं। अभिषेक की बहन पूजा भी पूरे दिन टनल के पास बैठकर अपने लापता हुए भाई का इंतजार कर रही हैं।