चमोली आपदा: बेटे को घर पर छोड़ लोगों को बचाने में जुटी है ये लेडी IAS अफसर
आपदा के दौरान डीएम स्वाति एस भदौरिया अपने तीन साल के बेटे को गोपेश्वर में छोड़कर तपोवन में चल रहे राहत बचाव कार्यों में जुटी रहीं। पूरे देश में उनके काम की तारीफ हो रही है।
Feb 17 2021 12:15PM, Writer:Komal negi
चमोली में आई आपदा का सैलाब अपने पीछे तबाही की कई कहानियां छोड़ गया। अचानक आए सैलाब में सैकड़ों लोगों की जिंदगी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। जिन लोगों ने आपदा के दौरान अपनों को खो दिया, उनके लिए आगे की जिंदगी बेहद मुश्किल रहेगी। ऐसे वक्त में अगर कोई अपना बनकर प्यार से दिलासा दे तो दर्द खत्म भले ही न हो लेकिन दिल को बड़ा सहारा मिलता है। उत्तराखंड की बेहद प्रतिभाशाली महिला अफसरों में शुमार डीएम स्वाति एस भदौरिया इन दिनों यही कर रही हैं। उन्होंने आपदाग्रस्त चमोली में राहत और बचाव का जिम्मा संभाल रखा है। बीते 7 फरवरी को फ्लैश फ्लड के बाद से चाहे साइट पर कैम्प करना हो, जो लापता हैं उनके परिजनों को ढांढस बंधाना हो या फिर कंट्रोल रूम सेटअप करना हो। डीएम स्वाति एस भदौरिया ने इन कामों को जिस बखूबी से अंजाम दिया। उसके लिए उनकी पूरे देश में तारीफ हो रही है। डीएम स्वाति एस भदौरिया राहत अभियान को मॉनिटर करने से लेकर प्रभावितों को राहत सामग्री बांटने तक का काम खुद कर रही हैं। इस दौरान वो आपदा प्रभावितों की बेटी-दीदी बनकर हमेशा उनके साथ खड़ी रहीं। इस तरह लोगों को इस लेडी अफसर का मानवीय रूप भी देखने को मिला। आपदा में जिन लोगों ने अपनों को गंवा दिया, डीएम स्वाति एस भदौरिया खुद उन लोगों से मिल रही हैं।
सरकार ने भले ही प्रभावितों के लिए मुआवजे का ऐलान कर दिया हो, लेकिन ये मुआवजा एक इंसान की कमी कभी पूरी नहीं कर सकता। ये बात डीएम स्वाति एस भदौरिया भी अच्छी तरह समझती हैं। प्रभावितों का दुख बांटने के लिए वो आंसू बहा रहे परिजनों तक पहुंच कर उन्हें ढांढस बंधा रही हैं। तपोवन सुरंग में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के बीच डीएम स्वाति एस भदौरिया ने कहा कि दुख की इस खड़ी में सरकार और प्रशासन पूरी तरह से पीड़ितों के परिजनों के साथ खड़ा है। प्रभावित परिवारों की हर संभव मदद की जाएगी। डीएम स्वाति एस भदौरिया 2011 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। उनके लिए ग्लेशियर बर्स्ट और उसके बाद का रेस्क्यू ऑपरेशन अपनी तरह का पहला अनुभव है। आपदा के दौरान वो अपने तीन साल के बेटे को गोपेश्वर में छोड़कर तपोवन में चल रहे राहत बचाव कार्यों में जुटी रहीं। पूरे देश में डीएम स्वाति एस भदौरिया के काम को सराहा जा रहा है।