उत्तराखंड में पुलिस की शह चल रहा था ड्रग्स का कारोबार..चरस, स्मैक की बड़ी खेप जब्त
नशा तस्करी का यह पूरा खेल एंटी ड्रग्स फोर्स और पुलिस महकमे में तैनात पुलिसकर्मियों की शह पर चल रहा था। पकड़े गए लोगों में एक महिला भी शामिल है।
Apr 17 2021 6:52PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड में नशे के सौदागरों के खिलाफ बड़े स्तर पर अभियान चल रहा है, लेकिन कई बार ये अभियान सिर्फ इसलिए फेल हो जाते हैं, क्योंकि पुलिस के ही कुछ लोग अपराधियों का साथ दे रहे होते हैं। हरिद्वार में भी यही हो रहा था। यहां देहरादून एसटीएफ और एडीटीएफ ने नशा तस्करों के बड़े गैंग का खुलासा करते हुए एक महिला समेत 6 लोगों को पकड़ा है। ये गैंग पुलिसकर्मियों की शह पर नशे का कारोबार कर रहा था। एसटीएफ ने जिन छह लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें 2 पुलिसवाले भी शामिल हैं। तलाशी के दौरान पुलिस ने आरोपियों के पास से भारी मात्रा में चरस और स्मैक भी बरामद की। नशा तस्करी का यह पूरा खेल एंटी ड्रग्स फोर्स और पुलिस महकमे में तैनात पुलिसकर्मियों की शह पर चल रहा था। बताया जा रहा है कि आरोपी 15 किलो स्मैक की डील की तैयारी कर रहे थे, जिसकी कीमत करीब डेढ़ करोड़ रुपये है, लेकिन डील पूरी हो पाती इससे पहले ही आरोपी धर लिए गए।
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पुलिस मुख्यालय में हुई प्रेस कांफ्रेंस में एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि हरिद्वार के ज्वालापुर क्षेत्र में नशा तस्करों का एक संगठित गिरोह चल रहा था। सूचना मिलने पर शुक्रवार को एसपी एसटीएफ जवाहरलाल के नेतृत्व में टीमों का गठन किया गया। टीम ने दबिश देकर राहिल निवासी कस्सावाला, सत्तार पुत्र असगर, गंगेश पत्नी स्व. मोहनलाल और इरफान पुत्र जगशहीद निवासी एकड़ पथरी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ हुई तो आरोपियों ने ज्वालापुर थाने में तैनात कांस्टेबल अमजद और हरिद्वार एंटी ड्रग्स फोर्स में तैनात कांस्टेबल रईस राजा की मदद से ड्रग तस्करी करने की बात कबूली। जिस पर पुलिस ने कांस्टेबल अमजद और रईस राजा को भी गिरफ्तार कर लिया। गैंग का लीडर सत्तार है
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तलाशी के दौरान पुलिस ने आरोपी राहिल के कब्जे से 198 ग्राम और गंगेश से 1.25 किलो चरस बरामद की। आरोपियों ने बताया कि जब भी पुलिस कोई कार्रवाई करती तो पुलिस कांस्टेबल अमजद उन्हें सूचना देता था। जबकि एंटी ड्रग फोर्स की कार्रवाई की सूचना रईस द्वारा मुहैया कराई जाती थी। इसके लिए दोनों सिपाहियों को मोटी रकम दी जाती थी। बात करें आरोपी सत्तार की तो उस पर 38 मुकदमे दर्ज हैं। वह ज्वालापुर थाने का हिस्ट्रीशीटर है। महिला गंगेश समेत दूसरे आरोपियों पर भी पहले से कई केस दर्ज हैं। तस्कर जल्द ही 15 किलो स्मैक की डील करने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही पकड़े गए। मामले को लेकर डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि वर्दीधारियों का इस तरह के अपराध में लिप्त मिलना गंभीर मामला है। दोनों को जल्द ही जेल भेजा जाएगा।