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उत्तराखंड में युवाओं की नौकरी पर लगा कोरोना का ग्रहण..जानिए कितने पदों पर मंडराया संकट

उत्तराखंड में कोविड महामारी को देखते हुए विभिन्न सरकारी विभागों ने रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया को स्थगित कर दिया है जिसके बाद प्रदेश के डेढ़ लाख युवाओं की नौकरी के ऊपर ग्रहण लग चुका है।
Apr 24 2021 6:12PM, Writer:Komal Negi

उत्तराखंड में कोरोना ने न केवल अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव डाला है बल्कि कोविड के केसों के बीच में बेरोजगारी भी तेजी से प्रदेश में बढ़ रही है। सरकारी नौकरी प्राप्त करने की इच्छा पाले युवाओं को झटके पर झटके लग रहे हैं। उत्तराखंड में विभिन्न सरकारी विभागों में कई खाली पद मौजूद हैं जिन पर कोरोना के कारण भर्ती प्रक्रिया नहीं हो पा रही है। कोविड के कारण राज्य में गंभीर परिस्थितियां पैदा हो रही हैं जिस कारण उत्तराखंड में मौजूद विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों की भर्ती प्रक्रिया लगातार स्थगित हो रही हैं। बता दें कि कोरोना के केसों में लगातार इजाफा हो रहा है जिस कारण उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षाएं और सीबीएसई की परीक्षाएं स्थगित हो चुकी हैं। वहीं नेशनल टेस्ट एजेंसी ने जेईई मेंस और यूजीसी नेट जेआरएफ की परीक्षा भी स्थगित कर दी हैं। उत्तराखंड में महामारी तेजी से बढ़ रही है जिसके बाद उत्तराखंड में विभिन्न सरकारी विभागों ने सरकारी पदों पर भर्ती प्रक्रिया को भी स्थगित कर दिया है। ऐसे में बेरोजगार युवाओं की नौकरी के ऊपर ग्रहण लग चुका है। आगे पढ़िए

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महामारी प्रदेश में तेजी से फैल रही है जिसके बाद प्रदेश के सरकारी विभागों में खाली पदों पर भर्ती प्रक्रिया पर संकट के बादल मंडराते दिखाई दे रहे हैं और भर्ती प्रक्रिया के टलने से युवाओं के नौकरी प्राप्त करने के सपने भी चकनाचूर होते हुए दिखाई दे रहे हैं। उत्तराखंड में सरकारी नौकरी की परीक्षाएं लगातार टल रही हैं जिससे युवा भी उम्मीद खो रहे हैं। कई सालों से सरकारी नौकरी की तैयारी करते हुए युवाओं के ऊपर यह महामारी संकट के बादलों की तरह छा गई है। यह तो हम सब जानते ही होंगे कि वर्तमान समय में रोजगार कितना आवश्यक है मगर प्रदेश में बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही है जो कि चिंताजनक है। उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड समेत अन्य सरकारी विभागों में 1500 से ज्यादा खाली पदों की भर्तियां जारी हुई थीं और अप्रैल से जुलाई महीने के बीच में इन पदों की परीक्षा होना तय हुआ था मगर कोरोना के बढ़ते केसों के बीच में इन परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है। वहीं स्कूलों में भी एलटी शिक्षकों के पदों पर 25 अप्रैल को परीक्षा होनी तय हुई थी जिसको भी बीते दिनों टाल दिया गया है। आगे पढ़िए

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एलटी पदों के लिए 50,000 से भी अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था जिनके सपने चकनाचूर हो चुके हैं। सरकारी नौकरी प्राप्त करने का अवसर उनके हाथों से जाता हुआ दिखाई दे रहा है। अन्य विभागों के लिए भी प्रस्तावित परीक्षाएं देने के इंतजार में तकरीबन डेढ़ लाख युवा बैठे हुए थे जिनकी उम्मीदों पर पानी फिरता हुआ दिखाई दे रहा है। चिंता की बात यह है कि पिछले साल भी जिन युवाओं के लिए उम्र के लिहाज से परीक्षा देने का अंतिम मौका था उनके हाथ से वह मौका चला गया था। बीते साल से नौकरी के लिए प्रयासरत युवाओं के लिए मौके खत्म होते जा रहे हैं। एज लिमिट क्रॉस करने के बाद वे अभ्यर्थी दोबारा परीक्षाओं में नहीं बैठ सकते और यह महामारी परीक्षा में बैठने का उनका अंतिम मौका भी छीन रही है। कुल मिलाकर उत्तराखंड में सरकारी नौकरी प्राप्त करने के लिए अभ्यर्थियों की उम्र और धैर्य दोनों जवाब दे रहे हैं और परीक्षाओं के ना होने से उनकी तैयारी पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा।


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