देहरादून: डाट काली से मोहंड तक नहीं होगी मोबाइल नेटवर्क की दिक्कत..सांसद बलूनी ने दी खुशखबरी
देहरादून जिले के जंगलों में जल्द गूंजेंगी मोबाइल की रिंग। सांसद अनिल बलूनी के प्रयास से मोहंड से देहरादून के बीच के जंगलों में जल्द लगेंगे मोबाइल टावर।
May 26 2021 11:32PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड के देहरादून से एक सुखद खबर सामने आ रही है। देहरादून जिले में अब जंगलों के बीच में मोबाइल नेटवर्क आएंगे। दरअसल मोहंड से देहरादून के बीच के जंगलों में मोबाइल टावर लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और अब जल्द ही जंगलों के बीच में भी मोबाइल की घंटी सुनाई देगी। राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के द्वारा यह पहल की गई है जो कि बेहद सराहनीय है और इसमें 12 किलोमीटर क्षेत्र में मोबाइल टावर लगाने की प्रक्रिया की शुरुआत हो गई है। जल्द ही देहरादून के आशारोड़ी डाटकाली से लेकर मोहंड तक मोबाइल टावरों की स्थापना हो जाएगी जिससे जंगलों में भी नेटवर्क आएंगे। आपको बता दें कि रिलायंस टेलीकॉम और भारतीय दूरसंचार विभाग ने इस 12 किलोमीटर के दायरे के अंदर 5 से 7 स्थान मोबाइल नेटवर्क लगाने के लिए चिन्हित किए हैं। इसमें तीन लोकेशन उत्तराखंड वन विभाग की सीमा के अंतर्गत हैं। उत्तराखंड के वन विभाग की सीमा के अंतर्गत चिन्हित 3 लोकेशन पर भूमि हस्तांतरण का काम भी जोरों-शोरों से शुरु हो चुका है
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वहीं अन्य 4 मोबाइल टावर की लोकेशन उत्तर प्रदेश वन विभाग की सीमा के अंदर आ रही हैं जिसके लिए सांसद अनिल बलूनी ने यूपी के वन मंत्री दारा सिंह चौहान से विमर्श कर लिया है और उन्होंने उत्तर प्रदेश के वन विभाग की सीमा के अंदर मोबाइल टावर लगाने की अनुमति दे दी है। उन्होंने अपने अधिकारियों को मोबाइल टावर लगाने के लिए सहयोग करने का निर्देश भी दिया है और जल्द ही टावरों की स्थापना का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। अनिल बलूनी का कहना है कि मोहंड से देहरादून के बीच जंगलों में मोबाइल नेटवर्क नहीं आते हैं क्योंकि यह संपूर्ण वन क्षेत्र है। ऐसे में अगर यहां पर कोई दुर्घटना हो जाती है या फिर किसी का वाहन खराब हो जाता है तो वह व्यक्ति कहीं पर भी मोबाइल नेटवर्क ना आने के कारण संपर्क नहीं कर पाता है। इसीलिए इस क्षेत्र में मोबाइल टावर लगाने की पहल की जा रही है। उत्तर प्रदेश के वन मंत्री दारा सिंह चौहान के सकारात्मक सहयोग से इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा और सरकारी भूमि हस्तांतरण प्रक्रियाओं के बाद दूरसंचार कंपनियां मोबइल टावरों की स्थापना करेंगी जिसके बाद लोगों को जंगलों के बीच में नेटवर्क की समस्या से छुटकारा मिलेगा।