image: Story of Satchidananda Bharti

गढ़वाल के उस बेमिसाल शिक्षक की कहानी, जिसकी तारीफ खुद PM मोदी कर रहे हैं

PM मोदी के मन की बात में पौड़ी गढ़वाल के शिक्षक सच्चिदानंद भारती का जिक्र किया गया। आइए उनके बारे में जानते हैं।
Jun 27 2021 5:09PM, Writer:Komal Negi

मेहनत से हर मुश्किल काम का हल निकाला जा सकता है। इस बात को पहाड़ के एक शिक्षक ने साबित किया है। सच्चिदानांद भारती..आज ये नाम देशभर में गूंज रहा है। पीएम मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम में पाणी राखो आंदोलन के प्रणेता सच्चिदानंद भारती की मेहनत और लगन का जिक्र किया. पौड़ी के रहने वाले सच्चिदानंद भारती पेशे से एक टीचर हैं. अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने उफरैंखाल इलाके में पानी के संकट को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। जिस जगह पर लोग बूंद-बूंद के लिए तरसते थे वहां अब पूरी साल पानी की आपूर्ति हो रही है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने 1989 में बीरोंखाल के उफरैंखाल में इस काम को शुरू किया। इसके तहत उन्होंने छोटे-छोटे चाल खाल बनाए। जिनमें बरसात के पानी का संरक्षण किया। उन्होंने क्षेत्र में करीब 30 हजार से अधिक चाल-खाल बनाए। जिन्हें उन्होंने ‘जल तलैया’ नाम दिया। आगे पढ़िए

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जल तलैया के आसपास बांज, बुरांस और उत्तीस के पेड़ों को लगाया। परिणाम यह हुआ कि 10 साल बाद सूखा गदेरा सदानीर नदी में बदल गया। जिसे उन्होंने ‘गाड गंगा’ नाम दिया। गदेरे में वर्तमान में लगातार पानी चल रहा है। उनका कहना है कि चाल-खाल के निर्माण से प्राकृतिक जल स्रोतों को पुर्नजीवित कर गंगा के अस्तित्व को बचाया जा सकता है। उन्होंने बीते मार्च माह में नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में जल संरक्षण और संवर्द्धन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए नमामि गंगे और नीर फाउंडेशन की ओर से ‘रजत की बूंदें’ नेशनल वाटर अवॉर्ड 2021 से नवाजा गया था। अब वह भीषण वनाग्नि की घटनाओं से निजात पाने के लिए काम कर रहे हैं। इस बड़े काम के लिए उनको अमेरिका की इंटरनेशनल फेलशिप भी मिल चुकी है।


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