गढ़वाल में ऐसे DM भी है..रात में लालटेन के सहारे पंहुचे गांव, लापरवाह अफसरों को हड़काया
डीएम को अपने बीच पाकर गांव वाले खुश भी थे और हैरान भी, लेकिन उन्हें अच्छा लगा कि चलो कोई तो उनकी खैर-खबर पूछने आया।
Jun 30 2021 11:40AM, Writer:Komal Negi
सरकारी अफसर होना एक ओहदे से ज्यादा जिम्मेदारी है। अफसर जनता की सेवा के लिए हैं, लेकिन आज भी आम लोग बड़े अफसरों से मिलते हुए डरते हैं, उनके रौब और रुतबे से घबराते हैं। यकीनन ये एक बड़ी समस्या है, क्योंकि जब तक कोई अफसर जनता के करीब नहीं पहुंचेगा, तब तक वो गांव वालों की पीड़ा को कैसे समझेगा। अफसरों की छवि ही कुछ ऐसी है, लेकिन कुछ अफसर हैं जो दफ्तर का मोह छोड़ वाकई जनता की सेवा में जुटे हुए हैं। पौड़ी गढ़वाल के डीएम डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ऐसे ही अफसरों में से एक हैं। पिछले दिनों डीएम देर रात लालटेन के सहारे कल्जीखाल ब्लॉक के असगढ़ गांव पहुंचे, वहां हो रहे विकास कार्यों का जायजा लिया। डीएम को अपने बीच पाकर गांव वाले खुश भी थे और हैरान भी, लेकिन उन्हें अच्छा लगा कि चलो कोई तो उनकी खैर-खबर पूछने आया।
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इस दौरान डीएम ने ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनीं। ग्रामीणों ने बताया कि पहली बार कोई जिलाधिकारी देर रात गांव के विकास कार्यों का निरीक्षण करने पहुंचा है। दरअसल पौड़ी के कल्जीखाल ब्लॉक में मलेथा, बूंगा और असगढ़ गांव में इन दिनों 'जल जीवन मिशन' के तहत काम चल रहा है। डीएम जोगदंडे इन्हीं का जायजा लेने के लिए गांव आए थे। गांव में लाइट नहीं थी, ऐसे में डीएम लालटेन के सहारे रास्ता तय कर गांववालों के बीच पहुंचे। वहां करीब 2 घंटे तक ग्रामीणों से बातचीत की। उन्होंने वर्मी कम्पोस्ट, सामुदायिक शौचालय और रास्तों का जायजा लिया। जहां अधिकारियों की लापरवाही मिली, वहां अधिकारियों की खबर भी ली। डीएम डॉ. विजय कुमार जोगदंडे को अपने बीच देख गांव वाले भी खुश थे। उन्होंने कहा कि पहाड़ के हर जिले में ऐसा जिलाधिकारी होना चाहिए। गांव का विकास होगा, तभी जिले का विकास होगा। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को गांव की समस्याएं भी बताईं, जिस पर डीएम ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया।