उत्तराखंड: ज्योलिकोट में 2 साल के राघव को खा गया गुलदार, झाड़ियों में मिली लाश
ज्योलीकोट के पास चोपड़ा ग्राम सभा के मटियाली गांव में घर में आंगन में खेल रहा दो वर्ष का मासूम बच्चा अचानक गायब हो गया था
Oct 9 2021 8:42PM, Writer:साक्षी बड़थ्वाल
सरकार लोगों से पहाड़ों को आबाद करने को कह रही है, लेकिन जहां मासूम ही सुरक्षित न हों, वहां भला कोई क्यों रहना चाहेगा. पर्वतीय इलाकों में नरभक्षी गुलदारों का आतंक कम नहीं हो रहा. जंगल में घास काटने गई महिलाएं हों या फिर घरों के बाहर खेलते बच्चे, कोई भी सुरक्षित नहीं है. गुलदार के हमले की ताजा घटना नैनीताल से सामने आ रही है. जहाँ ज्योलीकोट के पास चोपड़ा ग्राम सभा के मटियाली बैंड के पास भानू राणा तथा मीना राणा अपने दो छोटे बच्चों के साथ मटियाली गांव में रहते हैं. बीते शुक्रवार देर शाम उनके बच्चे चार वर्षीय पीयूष व दो वर्षीय राघव आंगन में खेल रहे थे. इसी बीच राघव अचानक गायब हो गया. बता दें कि क्षेत्र में दो-तीन दिन पहले गुलदार गांव को जाने वाले रास्ते पर चोपड़ा गांव निवासी मनोज, नरेंद्र और ललित पर झपट गया था. इससे पहले भी जंगल से लगे इस क्षेत्र में गुलदार की धमक लगातार बनी हुई थी. लिहाजा पहले ही तय माना जा रहा था कि बच्चे को गुलदार उठा कर ले गया है. ग्रामीणों की सूचना के बाद वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे. वन विभाग, पुलिस तथा ग्रामीणों ने बच्चे की तलाश में रात एक बजे तक सर्च अभियान चलाया, लेकिन घनी झाड़ियों में उसका कोई सुराग नहीं लग सका जिसके शनिवार सुबह एक बार फिर सर्च अभियान शुरू किया गया
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मिली जानकारी के मुताबिक आज सुबह बच्चे का शव घर से करीब एक-डेढ़ किलोमीटर दूर मिला. बताया जा रहा है कि बच्चे का केवल सिर और एक हाथ ही अभी बरामद हुआ है. जिसके बाद से ये माना जा रहा है की बच्चे को गुलदार ने ही अपना निवाला बनाया है. वहीँ हादसे के बाद से ही बच्चे के परिजनों के बीच में कोहराम मचा हुआ है और उसके माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल है..गांव वालों के बीच में भी हादसे के बाद से वन विभाग के प्रति आक्रोश साफ झलक रहा है. क्षेत्रीय लोग गुलदार को पकड़कर उसके आतंक से निजात दिलाने की मांग कर रहे हैं. गांव वालों का कहना है कि बीते दो-तीन दिन पहले भी गुलदार गांव को जाने वाले रास्ते पर कुछ लोगों पर झपट गया था. जिसके बाद गांव वालों ने वन विभाग के सामने गुलदार से निजात पाने की गुहार लगाई थी मगर वन विभाग की लापरवाही का ही नतीजा है कि गांव की दो वर्ष का मासूम बच्चा गुलदार का निवाला बन गया है.