image: Know why villagers decided to take jal samadhi in Tehri lake

आखिर क्यों टिहरी झील में जल समाधि लेने को मजबूर हुए तीन गांवों के लोग? जानिए वजह

ग्रामीणों का आरोप है कि पुनर्वास विभाग ने रोलाकोट और नकोट का विस्थापन कर दिया, लेकिन भल्ड़गांव के साथ नाइंसाफी की गई।
Jul 31 2023 8:10PM, Writer:कोमल नेगी

नई टिहरी का भल्ड़गांव...यहां के लोग अपने साथ हुए भेदभाव के खिलाफ आंदोलन करने को मजबूर हैं। भल्ड़गांव के लोग पुनर्वास की मांग कर रहे हैं और पिछले कई दिनों से धरने पर बैठे हैं।

why villagers decided to take jal samadhi in Tehri lake

आंदोलनरत ग्रामीणों ने 30 जुलाई को जल समाधि लेने की चेतावनी दी थी, हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों से मिले आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने जल समाधि लेने का निर्णय स्थगित कर दिया है। ग्रामीणों ने प्रशासन को दो दिन का समय दिया है। उन्होंने कहा कि अगर मंगलवार तक समस्या का समाधान न हुआ तो वो बुधवार को जल समाधि लेंगे। टिहरी डीएम व पुनर्वास निदेशक मयूर दीक्षित के आश्वासन पर ग्रामीणों ने फिलहाल जल समाधि लेने का फैसला टाल दिया है। बता दें कि भल्ड़गांव के ग्रामीण पिछले 20 सालों से लगातार विस्थापन की मांग कर रहे हैं। आगे पढ़िए

उन्होंने कहा कि भूगर्भ वैज्ञानिकों ने अपनी रिपोर्ट में साफ लिखा है कि रोलाकोट, नकोट और भल्ड़गांव खतरे की जद में हैं। इस पर पुनर्वास विभाग ने रोलाकोट और नकोट का विस्थापन कर दिया, लेकिन भल्ड़गांव को छोड़ दिया। इसलिए हमें मजबूर होकर टिहरी झील के किनारे अपनी जान जोखिम में डालकर धरने पर बैठना पड़ रहा है। भल्ड़गांव के ग्रामीण पुनर्वास की मांग को लेकर पिछले 9 दिन से टिहरी झील के किनारे धरने पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि मंगलवार को टिहरी डीएम और टिहरी बांध परियोजना के अधिकारियों के साथ ग्रामीणों की बैठक होनी है। उसी के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी। वार्ता सफल रही तो धरना खत्म कर दिया जाएगा। वार्ता के विफल रहने पर ग्रामीण बुधवार को जल समाधि लेंगे।


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