Uttarakhand News: पहाड़ के 22 गांवों तक पानी पहुंचाने में 10 करोड़ की हेरफेर, कई इंजीनियर निलंबित
उत्तराखंड में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए कई बार अधिकारियों को रंगे हाथ पकड़ा गया है, फिर भी विभाग में भ्रष्टाचार की समस्या पूरी तरह खत्म नहीं हो पाई है। इसके बावजूद सरकार लगातार कड़े कदम उठा रही है।
Sep 19 2024 12:39PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
जल जीवन मिशन योजना में अल्मोड़ा, पौड़ी, उत्तरकाशी के बाद अब टिहरी में भी गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। हाल ही में प्रतापनगर पेयजल योजना में 10 करोड़ रुपये की गड़बड़ी की शिकायत सामने आई है।
Fraud of Rs 10 Crore in Jal Jeevan Mission Scheme in Uttarakhand
जल जीवन मिशन योजना में एक और गंभीर गड़बड़ी का मामला उजागर हुआ है। प्रतापनगर पेयजल योजना जिसमें 22 गांवों तक पानी पहुंचाने के लिए 212 किमी लंबी पाइपलाइन बिछाई गई थी, उसमें 10 करोड़ रुपये की गड़बड़ी की शिकायत सामने आई है। प्रारंभिक जांच में 1730 मीटर लंबी पेयजल लाइन की पड़ताल की गई, जिसमें 800 मीटर पाइप गायब पाए गए हैं। जिलाधिकारी टिहरी मयूर दीक्षित ने इस मामले की प्रारंभिक जांच के आदेश अधीक्षण अभियंता को दिए थे। शुरुआती जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर मुख्य विकास अधिकारी डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने एक विस्तृत जांच समिति गठित की है, जिसमें उपजिलाधिकारी प्रतापनगर, जिला विकास अधिकारी, अधिशासी अभियंता जल निगम और खंड विकास अधिकारी प्रतापनगर शामिल हैं। यह समिति योजना की पूरी जांच कर जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
प्रतापनगर पेयजल योजना में 10 करोड़ की गड़बड़ी की जांच शुरू
ग्राम पंचायत भेलुंता और प्रतापनगर विकासखंड के अन्य ग्राम प्रधानों ने प्रतापनगर पेयजल योजना में 10 करोड़ रुपये के फर्जी भुगतान का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। इस पर अब गहन जांच पड़ताल शुरू हो चुकी है। जांच समिति पूरी 212 किमी लंबी पाइपलाइन के एक-एक इंच की जांच कर रही है, जिससे जमीनी हकीकत का पता लगाया जा सके। योजना के तहत कितने लाभार्थियों तक पानी पहुंचना था और वास्तव में कितने परिवारों को पानी मिला, इसका भी आकलन किया जा रहा है। इसके साथ ही कागजों पर खर्च किए गए बजट और वास्तविक खर्च की स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी।