बाबा केदारनाथ के दर पर सिर्फ 36 दिन में बना कीर्तिमान…इस बार तो गजब ही हो गया
आपदा से उबर कर केदारनाथ यात्रा ने जो रफ्तार पकड़ी है उसे देख श्रद्धा से सिर झुक जाता है...हर दिन हजारों श्रद्धालु इसी आस्था के वशीभूत होकर यहां पहुंच रहे हैं...
Jun 15 2019 3:36PM, Writer:कोमल नेगी
साल 2013 में हुई केदारनाथ आपदा को भला कौन भूल सकता है। अचानक आए सैलाब ने हजारों लोगों की जान ले ली थी, सैकड़ों गांवों का नामों निशान मिटा दिया था। उस वक्त लगता था कि केदारघाटी शायद ही कभी इस सदमे से उबर पाएगी। आपदा के बाद लोगों के मन में जो डर बैठ गया था, वो शायद ही कभी खत्म हो पाएगा...पर जहां आस्था हो, वहां किसी डर के लिए जगह कैसे हो सकती है। ऐसा ही हो रहा केदारघाटी में...जहां कड़ाके की ठंड-बारिश के बावजूद श्रद्धालु डटे हुए हैं। बाबा केदार पर श्रद्धालुओं का विश्वास कितना अटल है, ये देखना है तो इन दिनों केदारनाथ धाम चले आइए, जहां हर दिन हजारों श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ के दर्शन के लिए आ रहे हैं। केदारनाथ धाम यात्रा हर दिन नया इतिहास बना रही है, हर दिन पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त हो रहे हैं। ये वाकई उत्साहित करने वाला बदलाव है। केदारनाथ यात्रा शुरू हुए अभी मात्र 36 दिन हुए हैं, और इन 36 दिनों में अब तक 6 लाख 12 हजार यात्री बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं। ये खुद में एक बड़ा रिकॉर्ड है।
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श्रद्धालु बड़ी संख्या में केदारनाथ पहुंच रहे हैं, जिससे आस-पास के ग्रामीणों के लिए आय के स्त्रोत खुले हैं। तीर्थाटन के साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिल रहा है। केदारनाथ यात्रा में इस बार एक और रिकॉर्ड बना है, इस साल ये पहला मौका है, जबकि श्रद्धालुओं ने बदरीनाथ धाम की बजाय केदारनाथ धाम के दर्शन करने में ज्यादा रुचि दिखाई। बीते 9 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुले थे, पहले दिन केवल 6 हजार यात्री बाबा केदार के दर्शन करने आए। पर जैसे-जैसे दिन बीतते गए यात्रियों की संख्या हजारों से लाखों तक पहुंच गई। 7 जून को 36179 यात्रियों ने केदारनाथ के दर्शन किए, जो कि खुद में एक रिकॉर्ड है। हर दिन औसतन 25 हजार यात्री केदारनाथ पहुंच रहे हैं। पिछले साल पूरे सीजन में करीब 7 लाख 32 हजार यात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए थे, इस बार ये रिकॉर्ड टूटने की उम्मीद है। यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए केदारनाथ मंदिर को रातभर खुला रखा जा रहा है। हालांकि यात्रियों की संख्या बढ़ी है, पर उन्हें संभालने के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। लोग भूखे-प्यासे रहकर घंटों लाइन में खड़े रहते हैं, तब कहीं जाकर भोलेनाथ के दर्शन हो पाते हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए केदारघाटी में पर्याप्त इंतजाम भी किए जाने चाहिए, ताकि श्रद्धालु देवभूमि से अच्छी यादें लेकर लौटें।