अगर आपको केदारनाथ आपदा का दौर याद है तो आपको केदारनाथ की भीम शिला के बारे में भी पता होगा। जानिए वो कहानी
Jun 16 2019 4:56PM, Writer:आदिशा
ऊपर से बाढ़ की विभीषिका लेकर साथ आती प्रलय और नीचे केदारनाथ धाम। उस बाढ़ में सब कुछ खत्म हो गया लेकिन भगवान केदारनाथ का मंदिर वहीं का वहीं टिका रहा। आखिर क्या था वो मंजर? कैसे ये सब हो गया? 21वीं सदी में जब दुनिया चांद का रुख कर रही है, उसी 21वीं सदी में ये कैसा चमत्कार हो गया था? आखिर कहां से एक शिला ठीक मंदिर के पीछे आकर डट गई और उस बाढ़ से मंदिर को कुछ भी नुकसान नहीं होने दिया? किसने रखी थी वो शिला वहां? क्या ये किसी दैवीय चमत्कार से कम नहीं? 2013 में आई भयानक आपदा ने शिव के इस धाम में महाविनाश लीला की थी लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था और भी मजबूत हो गई। इस आस्था को पहले से अधिक बढ़ाने में योगदान दिया उस दिव्य भीम शिला ने, जिस कारण त्रासदी को जन्म देने वाली आपदा की दिशा तथा वेग काफी मंद पड़ गए।
वहीं मौजूद है भीमशिला
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आप आज खुद केदारनाथ धाम में जा सकते हैं और उस शिला को अपनी आंखों से देख सकते हैं। इसी से आप उसकी दिव्यता तथा शिव कृपा का हृदयस्पर्शी अनुभव कर सकते हैं।
ऐसे की थी रक्षा
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आश्चर्य है कि एक शिलाखण्ड कैसे महाआपदा के रुख को बदलने के लिए केदारनाथ मंदिर के ठीक पीछे आ खड़ा होता है। इससे भी अधिक विस्मयकारी तथ्य ये कि उस शिला का आकार मंदिर की चौड़ाई के बिल्कुल बराबर है, जिससे मंदिर किसी विशेष क्षति का शिकार हुए बिना अपनी जगह मजबूती से अवस्थित है।
दुनिया कहती है चमत्कार
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इस शिला को 2013 की आपदा के बाद भीम शिला के रूप में ही मान्यता मिल गई। श्री केदारनाथ धाम पहुंचे सभी श्रद्धालु इस दिव्य शिला का भी दर्शन करते हैं। मंदिर के अर्चक और समिति के सदस्य इस बात से पूरी तरह सहमत हैं कि अगर ये शिला नहीं आयी होती तो मंदिर को बर्बादी से बचा पाना नामुमकिन था।
विज्ञान भी हैरान
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स्वयं आर्कियोलॉजिकल विभाग भी इसके पीछे किसी चमत्कार से इंकार नहीं करता। आखिर इस दिव्य शिला का आपदा के दौरान कैसे प्राकाट्य हुआ, इसे अभी भी नहीं जाना जा सका है। हां, आस्थावान ये जरूर मानते हैं कि स्वयं भगवान शिव की प्रेरणा से ये शिला वहां स्थापित हुई।